Mars Mission: असल में एस्ट्रोनॉट्स ने कृत्रिम तरीके से बने मंगल ग्रह जैसे वातावरण में 378 दिनों का वक्त बिताया. ऐसे एक्सपेरिमेंट को एनालॉग मिशन कहा जाता है, जिसमें धरती पर मंगल ग्रह जैसे हालात तैयार किए गए.
अंतरिक्ष में गए बिना एस्ट्रोनॉट्स ने मंगल पर बिता दिए 378 दिन, नासा ने धरती पर कैसे बनाया MARSअसल में एस्ट्रोनॉट्स ने कृत्रिम तरीके से बने मंगल ग्रह जैसे वातावरण में 378 दिनों का वक्त बिताया. ऐसे एक्सपेरिमेंट को एनालॉग मिशन कहा जाता है, जिसमें धरती पर मंगल ग्रह जैसे हालात तैयार किए गए.
₹1 में खाना, शहीदों के बच्चों की पढ़ाई...सिर्फ जेब से नहीं दिल से भी अमीर है टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर, करोड़ों की संपत्तिकछुए जितनी धीमी है भारत की सबसे स्लो ट्रेन, बैठे-बैठे आप भी कहेंगे- इससे अच्छा तो बस पकड़ लेतेgautam gambhir coach Gautam Gambhir: गौतम गंभीर कब से करेंगे ज्वाइन और कितना होगा कार्यकाल, सैलरी पर क्या अपडेट? जानें सबकुछ
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के 4 अंतरिक्ष यात्री एक साल से ज्यादा समय तक मंगल ग्रह पर बिताकर वापस लौटे हैं. हालांकि इसके लिये वो ना तो किसी स्पेसक्राफ्ट में सवार हुए और ना ही कभी पृथ्वी से बाहर गए. चौंकिये मत. असल में एस्ट्रोनॉट्स ने कृत्रिम तरीके से बने मंगल ग्रह जैसे वातावरण में 378 दिनों का वक्त बिताया. ऐसे एक्सपेरिमेंट को एनालॉग मिशन कहा जाता है, जिसमें धरती पर मंगल ग्रह जैसे हालात तैयार किए गए. इसे नासा ने अमेरिका के ह्यूस्टन में अपने जॉनसन स्पेस सेंटर में तैयार किया था.
थ्री डी प्रिंटिंग करके एस्ट्रोनॉट्स के रहने के लिये कमरे, किचन, बाथरूम और सब्जी उगाने के लिये खेत बनाए गए थे ताकि वहां रहनेवाले लोगों को एहसास हो कि वो धरती नहीं बल्कि मंगल ग्रह पर ही हैं. भविष्य में मंगल या दूसरे ग्रहों पर थ्री डी प्रिंटिंग से ही स्ट्रक्चर बनाने की प्लानिंग है.आप सोच रहे होंगे कि ऐसा करने की जरूरत क्या है. नासा के मुताबिक सभी एक्सपेरिमेंट अंतरिक्ष में जाकर नहीं किए जा सकते. इसलिये एनालॉग मिशन लॉन्च किये जाते हैं. धरती पर ऐसे मिशन कम समय और कम बजट में ही पूरे हो जाते हैं.
Nasa Mars Analog Mission Analog Astronaut Salary NASA CHAPEA Mission CHAPEA NASA Salary NASA Analog Missions Nasa Analog Missions Application नासा मार्स मिशन नासा मार्स मिशन क्या मंगल ग्रह पर रह सकेंगे इंसान नासा वैज्ञानिकों की सैलरी नासा में कितने लोग काम करते हैं
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
प्रयोग : धरती पर मंगल जैसे वातावरण में 378 दिन बिताकर बाहर निकले चार वैज्ञानिकवैज्ञानिक एंका सेलारियू, रॉस ब्रॉकवेल, नाथन जोन्स और कनाडाई जीव विज्ञानी केली हेस्टन विशेष कमरे में 378 दिन बिताने के बाद शनिवार को बाहर आए।
और पढो »
Nasa: नासा के मंगल की तर्ज पर बने घर में चार वैज्ञानिकों ने बिताए 378 दिन, बाल बिखरे और चेहरे पर मुस्कान...नासा मंगल ग्रह पर मानव अन्वेषण की तैयारी कर रहा है। इसी के लिए एक खास घर बनाया गया था। ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर में इसे तैयार किया गया था। इस घर को मंगल ग्रह के हालात जैसा बनाया गया था।
और पढो »
बिना टिकट यात्रियों से खचाखच भरा था स्लीपर कोच, परेशान होकर महिला ने सोशल मीडिया पर डाला वीडियोवीडियो में महिला अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बता रही है कि, कैसे कोच के बिना टिकट यात्रियों ने उसकी सीट पर कब्जा कर लिया और उसे बैठने तक नहीं दिया.
और पढो »
UP: बिजली कटौती से भड़के अधिवक्ता ने PM और CM को सोशल मीडिया पर कहे अपशब्द, पुलिस ने किया गिरफ्तारबिजली की घोषित कटौती पर भड़के एक अधिवक्ता ने बुधवार रात प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को अपशब्द बोल दिए। अधिवक्ता ने सोशल मीडिया पर अकाउंट पर दोनों को अपशब्द कहे।
और पढो »
भास्कर एक्सप्लेनर- ‘मंगल ग्रह’ पर 378 दिन रहे एस्ट्रोनॉट्स: सब्जियां उगाईं, फसल काटी; 5 खतरों की पहचान के ल...बीती 6 जुलाई की शाम 5 बजे। नासा के 4 एस्ट्रोनॉट्स 378 दिन बाद कृत्रिम मंगल ग्रह से वापस पृथ्वी पर आए। अमेरिका के जॉनसन स्पेस सेंटर के फ्लाइट ऑपरेशंस के डिप्टी डायरेक्टर क्येल लिंडग्रेन ने एक दरवाजे पर दस्तक दी, जिसके बाद अंदर सेUS National Aeronautics and Space Administration (NASA) Astronauts Mars Habitat Mission.
और पढो »
Parliament: 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में जमकर हुआ काम, 68 सांसदों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर की चर्चापहले सत्र में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी फिर से अध्यक्ष पद के लिए चुने गए। स्पीकर ने बताया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर 68 सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया।
और पढो »