शिरोमणि अकाली दल अपने अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के इस्तीफा जल्द ही स्वीकार कर सकता है। कानूनी परेशानियों की आशंका से पार्टी सदस्यता अभियान के निर्देश को लागू करने से कतरा रही है।
चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल (SAD) अपने अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा जल्द ही स्वीकार कर सकता है। यह फैसला 2 दिसंबर, 2024 को अकाल तख्त के निर्देश के बाद लिया जा रहा है। अकाली दल की वर्किंग कमिटी की बैठक में इस पर अंतिम मुहर लग सकती है। हालांकि, पार्टी सात सदस्यीय कमिटी के जरिए सदस्यता अभियान चलाने के दूसरे निर्देश को लागू करने से कतरा रही है। इस कमिटी के प्रमुख एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी हैं और इसमें कुछ बागी नेता भी शामिल हैं। पार्टी का कहना है कि इससे कानूनी दिक्कतें आ सकती
हैं।अकाली दल के सूत्रों के मुताबिक, सुखबीर ने पार्टी नेतृत्व को अपना इस्तीफा स्वीकार करने के लिए कह दिया है। वरिष्ठ नेताओं में इस पर सहमति भी बन गई है, हालांकि कुछ नेताओं को अभी भी आपत्ति है। सुखबीर ने 16 नवंबर को इस्तीफा दिया था। उस समय उन्हें 'तनखैया' (पंथिक-राजनीतिक कदाचार का दोषी) घोषित किया गया था। लेकिन दो दिन बाद, वर्किंग कमिटी की बैठक से पहले, युवा अकाली दल के नेताओं ने उनका इस्तीफा स्वीकार न करने का अभियान शुरू कर दिया।सुखबीर तनखैया के ठप्पे से मुक्त हुएअकाल तख्त पर अर्दास करके सुखबीर तनखैया के ठप्पे से मुक्त हो चुके हैं, लेकिन 2 दिसंबर को अकाल तख्त के निर्देश के अनुसार, उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाना अभी बाकी है। अकाली दल नेतृत्व को सात सदस्यीय कमिटी के माध्यम से नए नामांकन कराने पर आपत्ति है। पार्टी का तर्क है कि इस निर्देश का पालन करने से कानूनी परेशानी हो सकती है, जिससे चुनाव आयोग में पार्टी का पंजीकरण खतरे में पड़ सकता है। इस बारे में पंजाब के पूर्व एडवोकेट जनरल और वरिष्ठ वकील अशोक अग्रवाल से कानूनी राय ली गई थी।22 दिसंबर को समाप्त हुआ समयअकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भुंडर के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने 22 दिसंबर को अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात की और उन्हें कानूनी राय सौंपी। सिख धर्मगुरुओं ने शुरू में तख्त के निर्देशों का पालन करने के लिए तीन दिन समय दिया था, लेकिन अकाली दल नेतृत्व ने इसे 20 दिनों के लिए बढ़वा लिया, जो 22 दिसंबर को समाप्त हो गया।अकाली दल को है ये उम्मीदइस निर्देश का पालन करके और सुखबीर का इस्तीफा स्वीकार करके अकाली दल को उम्मीद है कि उन्हें कुछ राहत मिलेगी। सुखबीर खेमे के लिए आगे का रास्ता मुश्किल है क्यों
अकाली दल सुखबीर सिंह बादल इस्तीफा अकाल तख्त सदस्यता अभियान
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
Sukhbir Badal: सुखबीर बादल आज तख्त श्री केसगढ़ साहिब में कर रहे सेवा, सुरक्षा इंतजाम कड़ेशिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल आज से तख्त श्री केसगढ़ साहिब में सेवा निभा रहे हैं। सुखबीर को श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से धार्मिक सजा सुनाई गई है।
और पढो »
'सुखबीर बादल पर हमला करने वाला सम्मानित हो', रवनीत सिंह बिट्टू का विवादित बयान, भड़के अकाली नेतारेलवे राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने अकाली नेता सुखबीर बादल पर हमला करने वाले नारायण सिंह चौरा को लेकर विवादित बयान दिया है, जिससे अकाली नेता भड़क गए हैं.
और पढो »
सुखबीर बादल को फिर से शिरोमणि अकाली दल की कमान सौंपने को लेकर जद्दोजहद शुरूपंजाब के पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को फिर से शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की कमान सौंपने को लेकर जद्दोजहद शुरू हो गई है। श्री अकाल तख्त साहिब से लगी सेवा पूरी करने के बाद अब सुखबीर बादल को 14 जनवरी को श्री मुक्तसर साहिब के माघी मेले में री-लांच किया जाएगा। पार्टी के नेता डॉ
और पढो »
सुखबीर बादल पर फायरिंग, अकाली दल ने पुलिस को घेरा: मजीठिया ने CCTV फुटेज जारी किया, हमले से एक दिन पहले SP ...पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल पर फायरिंग को लेकर शिरोमणि अकाली दल और पंजाब पुलिस व AAP सरकार आमने-सामने हो गए हैं।
और पढो »
दक्षिण कोरिया मार्शल लॉ विवाद : रक्षा मंत्री का इस्तीफा स्वीकार, रिटायर्ड आर्मी जनरल लेंगे उनकी जगहदक्षिण कोरिया मार्शल लॉ विवाद : रक्षा मंत्री का इस्तीफा स्वीकार, रिटायर्ड आर्मी जनरल लेंगे उनकी जगह
और पढो »
जनवरी में हुई प्रमुख राजनीतिक घटनाक्रमजनवरी में लोकसभा चुनाव की तैयारी, नीतीश कुमार के गठबंधन परिवर्तन, झारखंड में हेमंत सोरेन का इस्तीफा और चुनाव आयोग का एनसीपी विवाद समाधान जैसे महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम घटित हुए।
और पढो »