Ratan Tata Life: रतन टाटा के पिता नवल टाटा ने महज 4 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था. इसके बाद उनकी मां ने आजीविका के लिए कढ़ाई का काम शुरू किया. बाद में परवरिश के लिए नवल टाटा को जेएन पेटिट पारसी अनाथालय भेजा गया. जहां सर जमशेदजी टाटा की पत्नी नवाजबाई टाटा ने 13 साल की उम्र में नवल को गोद लेने का फैसला किया.
नई दिल्ली. बिजनेस जगत में उनकी सफलताओं और उनके धर्मार्थ के काम को देखते हुए, रतन टाटा की तुलना अक्सर जमशेदजी टाटा और जेआरडी टाटा से की जाती है. लेकिन कई लोगों को यह दिलचस्प लग सकता है कि रतन टाटा के पिता नवल टाटा , जिनका जन्म 30 अगस्त, 1904 को हुआ था, टाटा व्यवसाय परिवार के केवल एक दूर के रिश्तेदार थे. नवल टाटा के पिता अहमदाबाद एडवांस मिल्स में स्पिनिंग मास्टर के रूप में काम करते थे. 1908 में, चार साल की उम्र में नवल ने अपने पिता को खो दिया.
1941 में, नवल टाटा टाटा संस के डायरेक्टर बने और 1961 में, वे टाटा पावर के प्रेसीडेंट बने. 1962 में, उन्हें टाटा संस का डिप्टी चेयरमैन नियुक्त किया गया. नवल टाटा को समाज सेवा में उनके योगदान के लिए व्यापक रूप से पहचाना जाता था. उन्होंने सर रतन टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, इस पद पर वे अपने जीवन के अंतिम दिनों तक बने रहे. उन्होंने इंडियन कैंसर सोसाइटी के अध्यक्ष के रूप में भी एक प्रमुख भूमिका निभाई. नवल टाटा को खेलों से गहरा लगाव था.
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