अन्नपूर्णा का ही रूप है मां भंडारी, यहां पत्थर चढ़ाने की है खास परंपरा, जानें इससे जुड़ी मान्यताएं

Famous Religious Place Of Mirzapur समाचार

अन्नपूर्णा का ही रूप है मां भंडारी, यहां पत्थर चढ़ाने की है खास परंपरा, जानें इससे जुड़ी मान्यताएं
Maa Bhandari TempleWhy Devotees Offer Stones To The MotherBeliefs Related To Offering Stones
  • 📰 News18 Hindi
  • ⏱ Reading Time:
  • 24 sec. here
  • 11 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 44%
  • Publisher: 51%

नवरात्रि के दौरान मां भंडारी देवी के मंदिर में दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्तजन आते हैं. मां के धाम में पत्थर चढ़ाने की खास मान्यता है. यहां आने वाले भक्त विशेष रूप से मां को पांच पत्थर चढ़ाते हैं. मान्यता है कि पत्थर चढ़ा देने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है.

मिर्जापुर. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित ऐतिहासिक मां भंडारी देवी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है. बड़ी संख्या में भक्त देवी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. विशेषकर नवरात्रि में मां के दर्शन के लिए मंदिर परिसर में भक्तों का तांता लगता है. मां भंडारी देवी को अन्नपूर्णा का स्वरूप माना जाता है, जो भक्तों के जीवन को सुख-समृद्धि से भर देती है. श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां दर्शन करने से किसी का भंडार खाली नहीं रहता है, मां हर मनोकामना पूरी करती है.

यह भी भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है. मां भंडारी देवी के गुफा के पास पहले से किसान खेती के लिए अनाज लेकर जाते थे. किसानों का पैदावार होने के बाद वापस गुफा के पास छोड़ जाते थे. हालांकि समय के साथ यह प्रथा समाप्त हो गई, लेकिन मां के प्रति भक्तों की आस्था आज भी है. भक्त गणेश प्रसाद ने लोकल 18 को बताया कि पहाड़ पर स्थित मां भंडारी के दर्शन के लिए कई वर्षों से आ रहे हैं. यहां दर्शन मात्र से ही भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है. मां को अन्नपूर्णा का रूप कहा जाता है.

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

News18 Hindi /  🏆 13. in İN

Maa Bhandari Temple Why Devotees Offer Stones To The Mother Beliefs Related To Offering Stones Maa Bhandari Fulfills Wishes मिर्जापुर का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मां भंडारी मंदिर मां को पत्थर क्यों चढ़ाते हैं भक्त पत्थर चढ़ाने से जुड़ी मान्यताएं मां भंडारी मनोकामना करती है पूर्ण

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

यहां गिरा था भगवान श्री कृष्ण की बांसुरी, मौजूद है प्राचीन मंदिर, जानें इससे जुड़ी मान्यताएंमहाराजगंज जिले का वसुली माता मंदिर अपने इतिहास और मान्यताओं के लिए जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण और राधिका एक साथ बैठे हुए थे. किसी कारणवश राधिका जी ने श्री कृष्ण की बांसुरी फेंक दिया. यह बांसुरी जिस जगह गिरा उसी जगह वसुली माता मंदिर का निर्माण हुआ है.
और पढो »

अनोखी है यहां की रामलीला, पात्रों का किया जाता है मुंडन, 131 साल पुरानी है परंपराअनोखी है यहां की रामलीला, पात्रों का किया जाता है मुंडन, 131 साल पुरानी है परंपराFirozabad Ramleela : फिरोजाबाद के इतिहासकार प्रो.ए.बी चौबे ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए कहा कि कोटला चुंगी के पास स्थित रामलीला मैदान में होने वाली रामलीला की शुरुआत आज से लगभग 131 साल पहले बद्री प्रसाद अग्रवाल ने की गई थी.
और पढो »

झारखंड में यहां है रहस्यमय शिवलिंग, मां गंगा स्वयं करती है भोलेनाथ का जलाभिषेक, जानें मान्यताझारखंड के रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड के सांडी बोगाबार में स्थित टूटी झरना का शिव मंदिर है. इस मंदिर की सबसे खासियत यह है कि यहां उतर दिशा में शिवलिंग स्थापित है.वहीं शिवलिंग के पश्चिम दिशा में भगवान विष्णु चतर्भुज धारण किए हुए हैं.
और पढो »

नवरात्रि व्रत में घर पर बनाएं 9 टेस्टी मिठाइयांनवरात्रि व्रत में घर पर बनाएं 9 टेस्टी मिठाइयांनवरात्रि में मां देवी के नौ स्वरूपों की पूजा के साथ ही 9 दिनों का व्रत रखा जाता है। यहां देखें 9 दिन 9 रेसिपीज।
और पढो »

ये है कनाडा की टॉप 5 यूनिवर्सिटी, जानें कैसे मिलेगा भारतीय छात्रों को यहां एडमिशनये है कनाडा की टॉप 5 यूनिवर्सिटी, जानें कैसे मिलेगा भारतीय छात्रों को यहां एडमिशनये है कनाडा की टॉप 5 यूनिवर्सिटी, जानें कैसे मिलेगा भारतीय छात्रों को यहां एडमिशन
और पढो »

नवरात्रि के पहले दिन रामनगरी में उमड़ा आस्था का सैलाब, माता सीता के कुलदेवी की भक्त कर रहे पूजा .नवरात्रि के पहले दिन रामनगरी में उमड़ा आस्था का सैलाब, माता सीता के कुलदेवी की भक्त कर रहे पूजा .Ayodhya: नवरात्रि का पहला दिन आज है और आज माता नवदुर्गा के स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा आराधना का विधान है .नवरात्रि के पहले दिन कलश की स्थापना भी होती है
और पढो »



Render Time: 2025-02-21 00:18:17