अब किसान होंगे मालामाल, लौकी और सेम की इन किस्मों की करें खेती, सिर्फ इतने दिनों में मिलने लगेगा फल

Kashi Shubhra Gourd समाचार

अब किसान होंगे मालामाल, लौकी और सेम की इन किस्मों की करें खेती, सिर्फ इतने दिनों में मिलने लगेगा फल
What Is Kashi Shubhra GourdProduction Of Kashi Shubhra GourdPrice Of Kashi Shubhra Seeds
  • 📰 News18 Hindi
  • ⏱ Reading Time:
  • 24 sec. here
  • 8 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 34%
  • Publisher: 51%

किसानों के आय को दोगुना करने के लिए मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए खेती के नए टिप्स किसानों को दिए जा रहे हैं. साथ ही फल-सब्जियों पर रिसर्च के बाद उनकी नई प्रजातियों की खोज पर कृषि वैज्ञानिक लगातार काम कर रहे हैं. जिससे कम समय और कम लागत में ज्यादा पैदावार हो.

सेम की इस नई प्रजाति को काशी बौनी सेम-207 नाम दिया गया है. जबकि लौकी की नई प्रजाति अब काशी शुभ्रा के नाम से जानी जाएगी. भारतीय सब्जी अनुसंधान केंद्र के डायरेक्टर डॉ. नागेंद्र ने बताया कि सेम और लौकी की ये दोनों प्रजातियां किसानों के उपज को बढ़ाने के साथ उनकी आय भी बढ़ाएगी. काशी बौनी सेम 207 एक झाड़ीनुमा सेम है. जिसके पौधे की ऊंचाई 65 से 70 सेमी है. इस सेम की बुआई अक्टूबर के पहले सप्ताह से नवम्बर के दूसरे सप्ताह तक कि जा सकती है. इसके बुआई के 90 दिन बाद इसमे फल दिखने लगते हैं.

इसमें 10 से 12 सेंटीमीटर लम्बी सेम इस पौधे से उपलब्ध होंगे. एक हेक्टेयर भूमि में करीब 236 क्विंटल सेम की पैदावार की जा सकती है. गौरतलब है कि कि सेम की यह प्रजाति 35 डिग्री सेल्सियस पर अच्छी उपज दे सकती है. वहीं बात काशी शुभ्रा लौकी की करें तो इसके बुआई के 55 दिन बाद इस प्रजाति के अच्छे फल दिखने लगते हैं ,जिसकी तुड़ाई फिर शुरू की जा सकती है. इस लौकी कि लम्बाई 28 से 30 सेंटीमीटर होगी. जबकि इसका वजन 800 ग्राम के आस पास होगा. यह लौकी लंबे समय तक खराब नहीं होगी.

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

News18 Hindi /  🏆 13. in İN

What Is Kashi Shubhra Gourd Production Of Kashi Shubhra Gourd Price Of Kashi Shubhra Seeds Kashi Dwarf Beans 207 Production Of Kashi Dwarf Beans 207 Price Of Kashi Dwarf Beans 207

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

बैगन की इन किस्मों की करें खेती, 55 दिनों में होने लगेगा फलन, किसान भी होंगे मालामालबैगन की इन किस्मों की करें खेती, 55 दिनों में होने लगेगा फलन, किसान भी होंगे मालामालबैंगन को सब्जियों का राजा कहा जाता है क्योंकि यह कई प्रकार से उपयोगी होता है और खाने में स्वादिष्ट होता है. इसकी सब्जी खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है उतनी ही हमारे आय को बढ़ाने में भी कारगर होती है. इसकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. जुलाई के महीने में यदि किसान बैंगन की अगेती फसल की खेती करें तो वे अच्छा मुनाफा कमाना सकते हैं.
और पढो »

बरसात में गेंदा की इन किस्मों की करें खेती, बंपर होगी पैदावार, तगड़ा कमाएंगे मुनाफाबरसात में गेंदा की इन किस्मों की करें खेती, बंपर होगी पैदावार, तगड़ा कमाएंगे मुनाफागेंदे की खेती से आप कुछ ही महीनों में लाखों रुपये कमा सकते हैं. इसकी उच्च कीमत और बढ़ती मांग इसे एक आकर्षक खेती का विकल्प बनाती है.
और पढो »

इस लाल चीज की करें खेती, लाखों रुपए होगी इनकम, किसान भी होंगे मालामालइस लाल चीज की करें खेती, लाखों रुपए होगी इनकम, किसान भी होंगे मालामालसहारनपुर यूं तो सब्जी की खेती के लिए काफी मशहूर है. लेकिन कुछ किसान सहारनपुर में ऑर्गेनिक सब्जी की खेती कर रहे हैं, ऐसा ही देहात विधानसभा के गांव मेरवानी में रहने वाले 69 वर्षीय किसान आदित्य त्यागी ने लाल भिंडी की खेती की है.
और पढो »

काशी शुभ्रा लौकी और बौनी सेम से आत्मनिर्भर होंगे किसान...कम समय में होगा बंपर उत्पादनकाशी शुभ्रा लौकी और बौनी सेम से आत्मनिर्भर होंगे किसान...कम समय में होगा बंपर उत्पादनसेम की इस नई प्रजाति को काशी बौनी सेम-207 नाम दिया गया है. जबकि लौकी की नई प्रजाति अब काशी शुभ्रा के नाम से जानी जाएगी. भारतीय सब्जी अनुसंधान केंद्र के डायरेक्टर डॉ. नागेंद्र ने बताया कि सेम और लौकी की ये दोनों प्रजातियां किसानों के उपज को बढ़ाने के साथ उनकी आय भी बढ़ाएगी.
और पढो »

किसान यदि ऐसे करें केले की खेती, तो हो जाएंगे मालामाल, जानिए खेती का सही तरीकाकिसान यदि ऐसे करें केले की खेती, तो हो जाएंगे मालामाल, जानिए खेती का सही तरीकाकेले की खेती लगभग पूरे भारतवर्ष में की जाती है. गर्म और सम जलवायु केला की खेती के लिए उत्तम होती है. प्राकृतिक खेती से न केवल खेती की लागत कम होती है.
और पढो »

यूपी में इजराइल तकनीक से खेती के लिए पौधे हो रहे तैयार, अब किसान होंगे मालामालयूपी में इजराइल तकनीक से खेती के लिए पौधे हो रहे तैयार, अब किसान होंगे मालामालKannauj News: कन्नौज के उमर्दा में बने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है. यहां किसी भी मौसम में पौध को बड़े ही अत्यधुनिक तरीके से तैयार कर किसानों को सस्ते दामों में दिया जाता है.
और पढो »



Render Time: 2025-02-16 13:48:53