पहाड़ पर बसे विंध्यक्षेत्र में किसानों की सबसे बड़ी समस्या सिंचाई को लेकर है. लगभग 60 प्रतिशत किसान बारिश के बाद खेती शुरु करते हैं. पठारी क्षेत्र में किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए शंकर बीज की खेती कर सकते हैं. थोड़ी सिंचाई और कम खर्च में किसानों को ज्यादा मुनाफा होगा.
सरकारी दर पर क्रय केंद्र से खरीद की जाएगी. परंपरागत खेती से हटकर श्रीअन्न व तिलहनी की खेती कर सकते हैं. कृषि विभाग किसानों को प्रोत्साहित भी कर रहा है. किसान दलहन, तिलहन व शंकर बीज की खेती करके कम लागत की आय दोगनी कर सकते हैं. उप कृषि निदेशक विकेश पटेल ने Local18 को बताया जिले में फसलों की बुआई शुरु हो गई है. मिर्जापुर जिले में पानी को लेकर समस्या रहती है. ऐसे में किसान धान की बजाय शंकर बीज की खेती करें. श्रीअन्न, दलहन व तिलहन की खेती कर सकते हैं. इससे उनकी लागत भी कम होगी.
वहीं, मुनाफा भी अच्छा होगा. सरकार की ओर से एमएसपी पर खरीद भी की जा रही है. किसान परंपरागत खेती धान से हटकर कम पानी व बेहतर पैदावार वाले फसलों की बुआई करें. उप कृषि निदेशक विकेश पटेल ने बताया कि किसान मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी कोदों व दलहन व तिलहन की खेती कर सकते हैं. सरकार तिलहन के साथ ही मोटा अनाज की खरीद एमएसपी पर कर रही है. मिर्जापुर के किसानों के लिए श्रीअन्न और तिलहन की खेती सिंचाई को देखते हुए उपयुक्त है.
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