अमेरिका ने तिब्बती लोगों के अपने धर्म और संस्कृति का पालन करने के अधिकारों का समर्थन किया है और चीन पर तिब्बत में मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.
अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रिजेंटेटिव का एक प्रतिनिधिमंडल तिब्बत की निर्वासित सरकार के मुखिया और तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात करने के लिए हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला शहर के समीप मैकलोडगंज पहुंचा है. इस प्रतिनिधिमंडल में अमेरिकी कांग्रेस की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी और टेक्सस से रिपब्लिकन नेता और अमेरिकी कांग्रेस के विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकल मैककॉल शामिल हैं. इस प्रतिनिधिमंडल के आने से चीन नाराज हो गया है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन चियान ने कहा है, “यह सभी जानते हैं कि 14वें दलाई लामा कोई विशुद्ध धार्मिक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि धर्म की आड़ में चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त एक निर्वासित राजनीतिक व्यक्ति हैं.''भारत में स्थित चीनी दूतावास ने भी इस मुद्दे पर लंबा बयान जारी किया है. उसने कहा है कि, “हम अमेरिकी पक्ष से अपील करते हैं कि वह दलाई लामा समूह की चीन विरोधी अलगाववादी प्रकृति को पूरी तरह पहचाने.
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