अमेरिका ने ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों में एक और कदम उठाते हुए भारत की कंपनी मार्शल शिप मैनेजमेंट पर बैन लगा दिया है। अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने आरोप लगाया है कि यह कंपनी ईरान को चीन को तेल बेचने में मदद कर रही है। अमेरिका ने यह कदम ट्रंप प्रशासन के ईरान पर अधिकतम दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा मानते हुए उठाया है।
अमेरिका में सत्ता में आने के साथ ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर लगाम कसना तेज कर दिया है। ट्रंप प्रशासन ने ईरान पर अधिकतम दबाव बनाने की रणनीति के तहत भारत संग उसकी दोस्ती पर भी वार करना शुरू कर दिया है। अमेरिका ने ईरान के चाबहार पोर्ट पर भारत को दी गई छूट को जहां खत्म करने का फैसला किया है, वहीं अब भारत की कंपनी मार्शल शिप मैनेजमेंट कंपनी और एक नागरिक पर भी बैन लगा दिया है। अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने भारत ीय कंपनी पर आरोप लगाया है कि वह ईरान को चीन को तेल बेचने में मदद कर रही है।
अमेरिका को डर सता रहा है कि इजरायल के साथ लड़ाई के बाद अब ईरान की सरकार परमाणु बम बनाने में जुटी हुई है। इसी वजह से ट्रंप प्रशासन ईरान को घुटनों पर लाना चाहता है। अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने गुरुवार को इन नए प्रतिबंधों का ऐलान किया है। इसमें एक पूरे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को निशाना बनाया गया है। अमेरिका ने कहा कि भारतीय कंपनी ने चीन के साथ करोड़ों डॉलर के तेल व्यापार में ईरान की मदद की। इससे पहले 4 फरवरी को अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने ईरान के खिलाफ अधिकतम आर्थिक दबाव बनाने का आदेश दिया था। भारतीय कंपनी और अधिकारी के खिलाफ उठाया गया यह ताजा कदम ट्रंप के इसी आदेश का हिस्सा है। अमेरिका चाहता है कि इन दबावों के जरिए ईरान के प्रभाव को भी कम किया जा सके। 'तेल के पैसे से मिसाइल बना रहा ईरान' अपने एक आधिकारिक बयान में अमेरिका ने कहा कि यह तेल ईरान की सेना की कंपनी की ओर से भेजे जा रहे थे और इस पर प्रतिबंध लगा हुआ था। इस प्रतिबंध के दायरे में चीन, भारत और यूएई की कई कंपनियां और जहाज शामिल हैं। इस अमेरिकी बयान में कहा गया है कि ईरान हर साल तेल बेचकर अरबों डॉलर कमा रहा है और इससे पूरे इलाके में अस्थिरता फैलाने वाली गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। ईरान हमास, हिज्बुल्लाह और हूतियों को मदद दे रहा है जो इजरायल और अमेरिका पर हमले कर रहे हैं। ईरानी सेना विदेशी में बनी छद्म कंपनियों की मदद से यह तेल बेच पा रही है। अमेरिका ने यह भी कहा कि ईरान की सरकार तेल से पैसा कमाकर परमाणु कार्यक्रम को चला रही है। साथ ही मिसाइलें और किलर ड्रोन बना रही है। इसे वह अपने प्रॉक्सी संगठनों को दे रही है। अमेरिका की ओर से दिए गए बयान में कहा गया है कि भारत की कंपनी मार्शल शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने ईरान के कई जहाजों के लिए चालक दल मुहैया कराया। इसमें कई ऐसे जहाज भी शामिल हैं जिन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इस मार्शल शिप के चालक दल ने ईरान के साथ मिलकर गलत दस्तावेज पेश किए। भारतीय नागरिक रयान जेवियर अरन्हा मार्शल शिप मैनेजमेंट के डायरेक्टर हैं। इस कंपनी के फिलीपीन्स और यूएई में कार्यालय हैं। इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने चाबहार पोर्ट को लेकर अपनी छूट को खत्म कर दिया था। इससे भारत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं
भारत ईरान अमेरिका तेल व्यापार प्रतिबंध ट्रंप प्रशासन चीन अंतरराष्ट्रीय संबंध
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