असमः सांप्रदायिक टिप्पणी मामले में कोर्ट ने मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने को कहा Assam HimantaBiswaSarma CommunalRemarks FIR असम सांप्रदायिकटिप्पणी एफआईआर हिमंताबिस्वाशर्मा
था कि मुख्यमंत्री ने 10 दिसंबर को मोरीगांव में भड़काऊ भाषण दिया था लेकिन इस मामले में अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई.
खालेक का आरोप है कि ये टिप्पणियां सांप्रदायिक थीं. उनकी शिकायत में कहा गया, ‘संविधान की शपथ को धता बताते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने इस बेदखली अभियान को सांप्रदायिक रंग दिया.’1,200-1,400 घरों को ढहा दियाइसके साथ ही गांव के बाजारों, मस्जिदों, कब्रिस्तानों, मदरसों और मकतबों पर भी बुलडोजर चलाया गया था. यहां ज़्यादातर पूर्वी बंगाल मूल के मुसलमान रहते थे.
अतिक्रमण हटाने का पहला अभियान जून 2021 में हुआ था, जिसके बाद हिमंता बिस्वा कैबिनेट ने एक समिति के गठन को मंजूरी दी थी, जिसका काम ‘दरांग में सिपाझार के गोरुखुटी में अतिक्रमण से खाली कराई गई 77 हजार बीघा सरकारी भूमि का कृषि उद्देश्यों के लिए उपयोग करना है.’ उनका यह भी कहना था कि ‘गोरुखुटी में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को 1983 के लिए ‘बदला’ बताकर माननीय मुख्यमंत्री लोगों को राज्य के समुदाय विशेष के खिलाफ उकसा रहे हैं.’