आइए आज चलते हैं एसिड अटैक फाइटर्स के कैफे:ऑर्डर लेती हैं, कॉफी सर्व करती हैं; खाना नहीं बनातीं, क्योंकि चूल्हें की आंच बर्दाश्त नहीं होती women cafe WomensDay bhaskarwithwomen
Takes Orders From Customers, Serves Them At The Coffee Table, But Does Not Cook Because The Stove Cannot Tolerate Heatऑर्डर लेती हैं, कॉफी सर्व करती हैं; खाना नहीं बनातीं, क्योंकि चूल्हें की आंच बर्दाश्त नहीं होती‘इंसान के चेहरे पर एक पिंपल होता है तो वो परेशान हो जाते हैं। यहां एक 20 रुपए की बोतल से हम लोगों की जिंदगी बर्बाद कर दी जाती हैं, लेकिन फिर भी आज हम खुश हैं। अपने पैरों पर खड़े हैं।’ ये बात लखनऊ की शीरोज कैफे की एक एसिड अटैक फाइटर ने...
उन्होंने कहा, जब हम घर में रहते है तो लगता है सिर्फ हमारे साथ एसिड अटैक हुआ है। जिसकी वजह से हमें अकेलापन और डिप्रेशन महसूस होता है, लेकिन यहां सबको देखकर और मिलकर काम करने से साहस मिलता है। कैफे के बाहर एसिड अटैक महिलाओं की फोटोज लगी हैं, जिससे कभी-कभी लोगों को लगता है ये कोई हॉस्पिटल है। इस पर एक महिला कहती है, ‘हम ऐसे लोगों से बात करते हैं, उन्हें अपने रेस्टोरेंट के बारे में बताते हैं। अंदर बुलाते हैं। उन्हें यहां आकर हमारी स्टोरी सुनकर बहुत अच्छा लगता है। वो अपने दूसरे दोस्तों को भी यहां...