आइसलैंड में एक बर्फीले ज्वालामुखी बार्दारबुंगा सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है. हाल ही में दर्ज किए गए 130 भूकंपों ने इस क्षेत्र में बडे़ विस्फोट का खतरा बढ़ा दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह सबसे तीव्र भूकंपीय गतिविधि है जो 2014 और 2015 में बार्दारबुंगा के विस्फोट के बाद से देखी गई है.
आइसलैंड में एक असामान्य रूप से बड़ा आइसवोल्कैनो (बर्फीला ज्वालामुखी ) सक्रिय हो सकता है, जिससे विशेषज्ञ सतर्क हो गए हैं. डेली स्टार में छपी खबर के मुताबिक, हाल ही में 130 भूकंप ों ने इस क्षेत्र को हिला कर रख दिया, जिससे इलाके में बडे़ विस्फोट का खतरा बढ़ गया है. यह भूकंप ीय गतिविधि आइसलैंड के एक प्रमुख ज्वालामुखी बार्दारबुंगा (Bardarbunga) के आसपास दर्ज की गई है, जो दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है.
मंगलवार सुबह 6:00 बजे से भूकंपों का सिलसिला शुरू हुआ, और महज पांच घंटे में 130 भूकंपों ने इलाके को हिला दिया. इनमें से एक भूकंप की तीव्रता 5.1 मापी गई, जो ज्वालामुखी क्षेत्र में बढ़ते खतरों का संकेत है. आइसलैंड के मौसम विभाग (IMO) के अनुसार, यह भूकंपीय गतिविधि 2014 और 2015 में बार्दारबुंगा के विस्फोट के बाद से सबसे तीव्र है. बार्दारबुंगा आइसलैंड का सबसे बड़ा ज्वालामुखी प्रणाली है, जो 120 मील लंबी और 16 मील चौड़ी है. यह ज्वालामुखी 6,598 फीट ऊंचा है और अधिकांश बर्फ से ढका हुआ है. इस ज्वालामुखी की विशाल कैल्डेरा (मंथरिका) 25 वर्ग मील में फैली हुई है और बर्फ से भरी हुई है. 2014 और 2015 के बीच बार्दारबुंगा का विस्फोट आइसलैंड के इतिहास में 300 वर्षों में सबसे बड़ा था, जिसने यूरोप में जहरीली गैसों का सैलाब भेजा था. ऐसे में विशेषज्ञ अब इस क्षेत्र में फिर से विस्फोट का खतरा मान रहे हैं.IMO के विशेषज्ञों का कहना है कि बार्दारबुंगा ज्वालामुखी असामान्य रूप से बड़ा है और इसके संभावित भविष्यवाणियों के लिए कई परिदृश्य हो सकते हैं. यह ज्वालामुखी अपनी कैल्डेरा से बाहर विस्फोट कर सकता है जैसा कि 2014 में हुआ था. हालांकि, सबसे खतरनाक स्थिति यह हो सकती है कि यह बर्फ के नीचे विस्फोट हो, जिससे विशाल राख के बादल और बर्फीली बाढ़ें आ सकती हैं.बार्दारबुंगा का ज्वालामुखी सिस्टम ग्लेशियर के नीचे स्थित है, जो इसे और भी खतरनाक बनाता है. यदि यह बर्फ के नीचे विस्फोट करता है तो इसके परिणामस्वरूप भयंकर राख का विस्फोट और बर्फीले पानी का बहाव हो सकता है, जिससे गंभीर बाढ़ आ सकती हैं. IMO के विशेषज्ञों ने कहा कि इस ज्वालामुखी के बारे में भविष्यवाणी करना मुश्किल है, क्योंकि यह एक अनोखा ज्वालामुखी है, जो एक विशाल प्रणाली के रूप में बर्फीले इलाके में स्थित है.IMO के विशेषज्ञों ने इस ज्वालामुखी की गतिविधियों पर निगरानी रखी हुई है और किसी भी बदलाव पर रिपोर्ट करने के लिए तैयार हैं. वे लगातार हर हलचल और कंपन पर नजर बनाए हुए हैं, ताकि किसी भी संभावित विस्फोट से पहले जरूरी कदम उठाए जा सकें. बार्दारबुंगा के आसपास की धरती में महीनों से कंपन हो रहे हैं, जो इसके सक्रिय होने के संकेत हैं. यह ज्वालामुखी पूरे आइसलैंड के लिए खतरे की घंटी हो सकता है और विशेषज्ञ इसकी स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं
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