aaj ka shabd shira ashoka vajpayee poetry in hindi vishwas karna chahta hun.आज का शब्द: शिरा और अशोक वाजपेयी की कविता- प्रेम में अपनी पराजय पर. Read more about hindihainhum, hindi hain hum, ujaas on amar ujala kavya.
' हिंदी हैं हम ' शब्द शृंखला में आज का शब्द है- शिरा , जिसका अर्थ है- रक्त की छोटी नाड़ी , खून की छोटी नली, पानी का सोता या धारा। प्रस्तुत है अशोक वाजपेयी की कविता- प्रेम में अपनी पराजय पर विश्वास करना चाहता हूँ कि जब प्रेम में अपनी पराजय पर कविता के निपट एकांत में विलाप करता हूँ तो किसी वृक्ष पर नए उगे किसलयों में सिहरन होती है बुरा लगता है किसी चिड़िया को दृश्य का फिर भी इतना हरा-भरा होना किसी नक्षत्र की गति पल भर को धीमी पड़ती है अंतरिक्ष में पृथ्वी की किसी अदृश्य शिरा में बह रहा...
ब्रह्मांड में झंकृत होता है दुख का एक वृंदवादन – पराजय और दुख में मुझे अकेला नहीं छोड़ देता संसार दुख घिरता है ऐसे जैसे वही अब देह हो जिसमें रहना और मरना है जैसे होने का वही असली रंग है जो अब जाकर उभरा है विश्वास करना चाहता हूँ कि जब मैं विषाद के लंबे-पथरीले गलियारे में डगमग कहीं जाने का रास्ता खोज रहा होता हूँ तो जो रोशनी आगे दिखती है दुख की है जिस झरोखे से कोई हाथ आगे जाने की दिशा बताता है वह दुख का है और जिस घर में पहुंचकर,जिसके ओसारे में सुस्ताकर,आगे चलने की हिम्मत बंधेगी वह दुख का ठिकाना...
Hindi Hain Hum Ujaas Hindi Bhasha Hindi Apno Ki Bhasha Sapno Ki Bhasha Shira Ashok Vajpayee Poems In Hindi Vishwas Karna Chahta Hun हिंदीहैंहम आज का शब्द हिंदी हैं हम हिंदी भाषा हिंदी अपनों की भाषा सपनों की भाषा शिरा अशोक वाजपेयी की हिंदी कविताएं विश्वास करना चाहता हूँ
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