आज का शब्द: गोधूलि और आलोक धन्वा की कविता- पुराने टूटे ट्रकों के पीछे मैंने किया प्यार

Aaj Ka Shabd समाचार

आज का शब्द: गोधूलि और आलोक धन्वा की कविता- पुराने टूटे ट्रकों के पीछे मैंने किया प्यार
HindihainhumHindi Hain HumUjaas
  • 📰 Amar Ujala
  • ⏱ Reading Time:
  • 26 sec. here
  • 18 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 70%
  • Publisher: 51%

आज का शब्द: गोधूलि और आलोक धन्वा की कविता- पुराने टूटे ट्रकों के पीछे मैंने किया प्यार

' हिंदी हैं हम ' शब्द शृंखला में आज का शब्द है- गोधूलि , जिसका अर्थ है- संध्या का वह समय जब चरकर लौटनेवाली गौओं के खुरों से धूल उड़ती है। प्रस्तुत है आलोक धन्वा की कविता- पुराने टूटे ट्रकों के पीछे मैंने किया प्यार प्यार पुराने टूटे ट्रकों के पीछे मैंने किया प्यार कई बार तो उनमें घुसकर लतरों से भरे कबाड़ में जगह निकालते शाम को अपना परदा बनाते हुए अक्सर ही बिना झूठ और बिना चाँद के दूर था अवध का शहर लखनऊ और रेख़्ता से भीगी उसकी दिलकश ज़बान फ़िलहाल कोई एक देश नहीं गोधूलि में पहले तारे...

में इतना कोलाहल था इतनी चाहत थी कि वह जो एक सूना डर सताना शुरू करता है प्रेम के साथ-साथ हम उससे अनजान ही रहे लगभग जैसे शादी ही थी हमारी मंज़िल हमारा ज़रिया आगे के सफ़र का आख़िर शादी की बात पक्की हो गई फिर तो जब भी काम से छुट्टी होती साइकिल पर आगे बिठाकर अपनी होने वाली बेग़म को मैं निकल जाता था दूर शहर के बाहर जाने वाली किसी छायादार सड़क पर साइकिल चलाते हुए आँख चुराते हुए कभी-कभी दोनों एक ही साथ सीटी बजाते हुए किया प्यार घर के लोग भी जल्दी ही सहमत हो गए मेहनत की रोटी खाने वाले हमारे परिवार नहीं...

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

Amar Ujala /  🏆 12. in İN

Hindihainhum Hindi Hain Hum Ujaas Hindi Bhasha Hindi Apno Ki Bhasha Sapno Ki Bhasha Godhuli Alok Dhanwa Poems Purane Trakon Ke Pichhe Maine Pyar Kiya हिंदीहैंहम आज का शब्द हिंदी हैं हम हिंदी भाषा हिंदी अपनों की भाषा सपनों की भाषा गोधूलि आलोक धन्वा की रचनाएं पुराने टूटे ट्रकों के पीछे मैंने किया प्यार

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

आज का शब्द: मरघट और गोपाल सिंह नेपाली की कविता- नज़रों के तीर बहुत देखेआज का शब्द: मरघट और गोपाल सिंह नेपाली की कविता- नज़रों के तीर बहुत देखेआज का शब्द: मरघट और गोपाल सिंह नेपाली की कविता- नज़रों के तीर बहुत देखे
और पढो »

आज का शब्द: अकूत और कुमार अम्बुज की कविता- सरसराहट की भी जो एक भाषा हैआज का शब्द: अकूत और कुमार अम्बुज की कविता- सरसराहट की भी जो एक भाषा हैआज का शब्द: अकूत और कुमार अम्बुज की कविता- सरसराहट की भी जो एक भाषा है
और पढो »

आज का शब्द: अवरोह और प्रताप नारायण सिंह की कविता- तुम भी चलो, हम भी चलेंआज का शब्द: अवरोह और प्रताप नारायण सिंह की कविता- तुम भी चलो, हम भी चलेंआज का शब्द: अवरोह और प्रताप नारायण सिंह की कविता- तुम भी चलो, हम भी चलें
और पढो »

आज का शब्द: अवतार और श्रीकांत वर्मा की कविता- छूटा जा रहा मेरा प्रेमआज का शब्द: अवतार और श्रीकांत वर्मा की कविता- छूटा जा रहा मेरा प्रेमआज का शब्द: अवतार और श्रीकांत वर्मा की कविता- छूटा जा रहा मेरा प्रेम
और पढो »

आज का शब्द: अवयव और अशोक चक्रधर की हास्य कविता- जंगल गाथाआज का शब्द: अवयव और अशोक चक्रधर की हास्य कविता- जंगल गाथाआज का शब्द: अवयव और अशोक चक्रधर की हास्य कविता- जंगल गाथा
और पढो »

आज का शब्द: पंजर और सुमित्रानंदन पंत की कविता- उसका लंबा डील डौल हैआज का शब्द: पंजर और सुमित्रानंदन पंत की कविता- उसका लंबा डील डौल हैआज का शब्द: पंजर और सुमित्रानंदन पंत की कविता- उसका लंबा डील डौल है
और पढो »



Render Time: 2025-02-19 03:28:11