भारत ने रिकॉर्ड समय में स्वदेशी टैंक जोरावर को विकसित किया है। इस टैंक को डीआरडीओ और लार्सन एंड टूब्रो ने मिलकर तैयार किया है। इस टैंक का प्रोटोटाइप तैयार होने के बाद अब इसके जरूरी टेस्ट किए जाएंगे। जोरावर के 2027 तक सेना में शामिल होने की उम्मीद है।
नई दिल्ली : चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत स्वदेशी टैंक विकसित कर रहा है। भारत ने हल्के वजन वाले टैंक जोरावर को निर्माण की दिशा में अहम पड़ाव को पार कर लिया है। स्वदेशी टैंक जोरावर लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सेना में जोरावर के शामिल होने से चीन के खिलाफ भारत की स्थिति अधिक मजबूत दिखेगी। पर्वतीय इलाकों में यह टैंक अधिक स्पीड से चल सकता है।क्यों खास है जोरावररूस और यूक्रेन संघर्ष से सबक सीखते हुए डीआरडीओ ने जोरावर टैंक में घूमने वाले हथियारों के लिए...
62 एमएमवजन- 25 टनबैठने की क्षमता- 3 लोगताकत- 1000 हॉर्स पावरस्पीड-70 किलोमीटर प्रतिघंटाऑफरोड-35 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटारिकॉर्ड टाइम में हुआ तैयार दो साल के रिकॉर्ड समय में विकसित यह टैंक स्वदेशी निर्माण में भारतीय प्रगति का प्रमाण है। हल्का टैंक जोरावर 25 टन वजनी है और यह पहली बार है कि इतने कम समय में एक नया टैंक डिजाइन किया गया है। अब यह टेस्टिंग के लिए तैयार किया गया है। इनमें से 59 टैंक शुरुआत में सेना को उपलब्ध कराए जाएंगे और यह 295 और बख्तरबंद वाहनों के प्रमुख कार्यक्रम के लिए अग्रणी...
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