इसरो का स्पैडेक्स मिशन: अंतरिक्ष में डॉकिंग की नई पहल

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इसरो का स्पैडेक्स मिशन: अंतरिक्ष में डॉकिंग की नई पहल
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इसरो का स्पैडेक्स मिशन अंतरिक्ष में डॉकिंग के लिए एक महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है। यह मिशन दो छोटे अंतरिक्ष यानों का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग और अनडॉकिंग को प्रदर्शित करेगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो ) के अनुसार, स्पैडेक्स मिशन , पीएसएलवी से प्रक्षेपित दो छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग के प्रदर्शन के लिए लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है। यह मिशन भारतीय को चांद पर उतारने, चांद से सैंपल भारत लाने, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण व संचालन जैसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियानों के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी है। अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक तब बहुत जरूरी होती है जब साझा मिशन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए कई रॉकेट लॉन्च करने की

जरूरत होती है। स्पेडेक्स मिशन में दो छोटे अंतरिक्ष यान (प्रत्येक लगभग 220 किग्रा) शामिल हैं, जिन्हें पीएसएलवी-सी60 के जरिये स्वतंत्र रूप से और एक साथ, 55 डिग्री झुकाव पर 470 किमी वृत्ताकार कक्षा में प्रक्षेपित किया जाएगा, जिसका स्थानीय समय चक्र लगभग 66 दिन का होगा। अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग का प्रदर्शन के लिए मिशन इस मिशन के माध्यम से, भारत अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक रखने वाला दुनिया का चौथा देश बनने की ओर अग्रसर है

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