छठ महापर्व के पहले दिन भारतीय लोक संगीत गायिका और बिहार की कोकिला कही जाने वाली शारदा सिन्हा के निधन ने देशभर में लोगों को झकझोर कर रख दिया है. दरअसल, मंगलवार की देर रात दिल्ली एम्स में 72 साल की शारदा सिन्हा ने अंतिम सांस ली है. शारदा सिन्हा जी के गाये गए छठ गीत अभी हर तरफ बज रहे हैं. लेकिन लोगों में मायूसी सी छाई हुई है.
बिहार की कोकिला शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 में सुपौल जिले के हुलास में हुआ था. उन्होंने बैचलर ऑफ एजुकेशन और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से म्यूजिक में PH.D की है. उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में सीनियर अधिकारी हुआ करते थे. शारदा सिन्हा के पति का नाम ब्रजकिशोर सिन्हा था. हाल ही में ब्रेन हैमरेज से उनकी मौत हुई थी. उनके दो बच्चे हैं. बेटे का नाम अंशुमान सिन्हा और बेटी का नाम वंदना है.
फिर साल 1978 में उन्होंने छठ गीत ‘उग हो सुरुज देव’ गाया. इस गाने ने रिकॉर्ड बनाया और यही से शारदा सिन्हा और छठ पर्व एक दूसरे के पूरक हो गए. करीब 46 साल पहले गाए इस गाने को आज भी छठ घाटों पर सुना जा सकता है. 1990 में शारदा सिन्हा ने बॉलीवुड फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ में ‘कहे तोसे सजना’ गीत गाया, जो जबरदस्त हिट हुआ. इस गीत ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में एक नया मुकाम दिलाया और तब से उनकी पहचान केवल लोक संगीत के गायन तक सीमित नहीं रही, बल्कि वे बॉलीवुड में भी एक प्रमुख गायिका बन गईं.
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