अगर धान के खेत में पत्तियों पर खैर के रंग का या भूरे रंग के जगह-जगह झुंड के रूप में धब्बे दिखाई दे रहे हैं तो यह खैरा रोग का लक्षण है.
धान की रोपाई लगभग खत्म हो चुकी है. अब धान की बढ़वार प्रगति पर है. हर किसान चाहता है कि फसल से पैदावार अच्छी निकले, इसके लिए किसान दिन रात मेहनत करता है. बीच में कुछ ऐसी परेशानियां आती हैं, जिनको किसान समझ नहीं पाता है और घाटे का सामना करना पड़ता है. ऐसे में कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक़ पत्तियों में इस समय खैरा रोग का प्रभाव दिखने लगता है. इसके प्रभाव से पत्तियों पर खैर या भूरे रंग के धब्बे दिखाई देने लगते हैं.
खैरा रोग में सबसे जरूरी है कि उस पर जल्द नियंत्रण किया जाए. बाजार में जिंक सल्फेट 33%, जिंक सल्फेट 24% और जिंक सल्फेट 17% का भी आता है. तो कोशिश करे की जिंक सल्फेट 33% का मिल जाए उसके बाद करीब 2 किलो यूरिया और उसमें 200 ग्राम जिंक सल्फेट और इसके बाद जब छिड़काव करना हो तो उसके एक दिन पहले 10 लीटर पानी में ढाई किलो चूना डाल दें और दूसरे दिन जब छिड़काव करना है तो उस दिन ढाई किलो यूरिया 200 ग्राम जिंक सल्फेट और 10 लीटर चूने के पानी से एक 100 लीटर का घोल तैयार कर लें और पत्तियों पर छिड़काव करें.
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