कन्नौज रेलवे स्टेशन से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर बड़ा बाजार इत्र वाली मार्केट में कलावती गट्टा भंडार में यह दो प्रकार की सुतफेनी मिल जाती है. यह सुतफेनी साल के एक माह ही यहां पर बनाई जाती है, जो भी व्यापारी-पर्यटक यहां पर इत्र की खरीदारी करने आता है. वह कन्नौज की सुगंधित सुतफेनी को अपने साथ जरूर ले जाता है.
कन्नौज /अंजली शर्मा: कन्नौज के इत्र की खुशबू यहां के स्वादिष्ट व्यंजनों में भी मिलती है. साल के एक माह में बनने वाली इत्र वाली सुतफेनी दूर-दूर तक प्रसिद्ध है. करीब 70 से 80 साल से यहां सूतफेनी बनाने का काम चल रहा है. सावन माह में सावनी का प्रमुख त्योहार इसके बिना अधूरा माना जाता है. यहां की सुतफेनी में इत्र की सुगंध लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है. कितने प्रकार की सुतफेनी यहां दो प्रकार की सुतफेनी मिल जाती है.
एक सफेद सुतफेनी जो हाफ फ्राई होती है, जिसका रेट 90 रुपए प्रतिकिलो रहता है. वही लाल सुतफेनी, फुल फ्राई रहती है जिसका रेट 100 किलो रहता है. इन दोनों ही सुतफेनी में केवड़ा के इत्र की खुशबू का अहसास रहता है. क्या बोले व्यापारी दुकानदार सक्षम वैश्य बताते हैं कि हमारे यहां करीब 80 साल से सुतफेनी का काम किया जा रहा है. हम लोग क्वालिटी का विशेष ध्यान रखते है. हमारे यहां की सुतफेनी लोग दूर दूर से लेने आते है. हमारे यहां दो प्रकार की सुतफेनी मिलती है. हम लोग रेट का भी ध्यान रखते हैं.
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