ईरान ने अमेरिका के साथ बातचीत के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की है लेकिन 'अधिकतम दबाव' नीति का विरोध किया है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि प्रतिबंधों को हटाने के लिए बातचीत की आवश्यकता है, लेकिन अमेरिका की 'अधिकतम दबाव' नीति के ढांचे में नहीं। यह बयान ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने सरकार से अमेरिका के साथ बातचीत न करने का आग्रह किया था।
तेहरान: ईरान ने कहा है कि वह अमेरिका के साथ ' बातचीत के लिए तैयार' है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ' अधिकतम दबाव की रणनीति के तहत नहीं।' तेहरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने शनिवार को यह टिप्पणी की है। टेलीग्राम पर जारी एक बयान में अराघची ने कहा कि ' प्रतिबंध ों को हटाने के लिए बातचीत की आवश्कता है, लेकिन अधिकतम दबाव नीति के ढांचे के भीतर नहीं, क्योंकि यह बातचीत नहीं बल्कि एक तरह का आत्मसमर्पण होगा।'खामनेई की अमेरिका से बात न करने की सलाह अराघची का बयान ईरान के सर्वोच्च नेता
अयातुल्ला अली खामेनेई की टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने सरकार से अमेरिका के साथ बातचीत न करने का आग्रह किया था। ईरान में सभी फैसलों पर अंतिम निर्णय लेने वाले खामेनेई ने कहा कि अमेरिका के साथ बातचीत 'बुद्धिमानी, समझदारी या सम्माननीय नहीं है।' खामेनेई ने वॉशिंगटन के साथ बातचीत के पिछले अनुभव का हवाला दिया। साल 2015 में ईरान ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों में ढील के बदले में अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के लिए अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, चीन और रूस के साथ एक ऐतिहासिक समझौता किया। लेकिन 2018 में ट्रंप ने एकतरफा रूप से अमेरिका को समझौते से हटा लिया और तेहरान पर भारी प्रतिबंध लगा दिए।ट्रंप ने बुधवार को ईरान के साथ एक 'परमाणु शांति समझौते' की संभावना जताई थी, लेकिन साथ ही कहा था कि तेहरान के पास 'परमाणु हथियार नहीं हो सकते।' इसके एक दिन पहले मंगलवार को ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी 'अधिकतम दबाव' रणनीति को फिर से लागू किया, जिसके तहत वॉशिंगटन ने गुरुवार को ईरान के करोड़ों डॉलर के कच्चे तेल को चीन भेजने की आरोपी संस्थाओं और व्यक्तियों पर वित्तीय प्रतिबंधों की घोषणा की। अरागची ने शनिवार को कहा, 'ईरान ऐसे देश के साथ बातचीत नहीं करना चाहता है जो एक साथ नए प्रतिबंध लगा रहा है।
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