ईरान ने महिलाओं के लिए हिज्ाब संबंधी एक विवादास्पद कानून को 'फिलहाल के लिए रोक' दिया है. यह कानून महिलाओं के कपड़े पहनने के नियमों को सख्त करता था और उल्लंघन करने पर जुर्माना या 15 साल की जेल की सजा का प्रावधान करता था.
ईरान ने महिलाओं के हिजाब से जुड़े बेहद सख्त विवादास्पद कानून को 'फिलहाल के लिए रोक' दिया है. ईरान में हिजाब विवाद 2022 से चल रहा है जिसकी शुरुआत महसा झीना अमिनी (Mahsa “Zhina” Amini) की मौत से हुई थी. हिजाब ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के बाद पुलिस हिरासत महसा की मौत से पूरे ईरान में सनसनी फैसल गई थी. महिलाओं ने सरकार को चुनौती देते हुए बाकायदा एक आंदोलन खड़ा करके और हिजाब नियमों की अवहेलना करनी शुरू कर दी थी. इसके चलते दुनिया भर में ईरान को आलोचना का सामना करना पड़ रहा था.
ईरान में “हिजाब और शुद्धता कानून” (Hijab And Chastity Law) में उन लड़कियों और महिलाओं के लिए सख्त दंड का प्रस्ताव है जो अपने बालों, बाजुओं या घुटनों के नीचे के पैरों को पूरी तरह से नहीं ढकती हैं. इसमें जुर्माना लगाने के साथ ही 15 साल तक की जेल की सजा शामिल है. यह पिछले शुक्रवार को लागू होने वाला था. मगर ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इस विवादास्पद कानून पर रोक लगा दी है. राष्ट्रपति ने किया था विरोध कहा था- थोप नहीं सकते बेटियों पर… राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने पहले भी इसका विरोध किया था. विधेयक में प्रस्तावित दंड को मसूद पेजेशकियन ने अस्वीकार कर दिया था. कहा था कि यह कानून “अस्पष्ट है और इसमें सुधार की जरूरत है’. मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी कहा था कि ईरानी अधिकारी ‘दमन की पहले से ही दमघोंटू व्यवस्था को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.’ पेजेशकियन ने कहा था- जिस तरह वे पहले महिलाओं के सिर से हिजाब जबरन नहीं हटा सकते थे, उसी तरह अब वे उन पर इसे थोप नहीं सकते. हमें अपनी इच्छा अपनी महिलाओं और बेटियों पर थोपने का कोई अधिकार नहीं है. यूट्यूबर पारस्तू अहमदी की गिरफ्तारी ने दी विरोध को हवा.. यूट्यूबर पारस्तू अहमदी को इसी के चलते गिरफ्तार कर लिया गया था उस समय जब उन्होंने बिना हिजाब के, बिना आस्तीन की पोशाक में, खुले बालों के साथ चार पुरुष गायकों के साथ गाते हुए अपना एक वीडियो YouTube पर पोस्ट किया था. वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें बैंड के सदस्यों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन गिरफ्तारी का विरोध होने के 1 ही दिन बाद रिहा कर दिया गय
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