ईसा मसीह की जन्मकुंडली: ज्योतिषीय विश्लेषण

धर्म समाचार

ईसा मसीह की जन्मकुंडली: ज्योतिषीय विश्लेषण
ईसा मसीहजन्मकुंडलीज्योतिष
  • 📰 NBT Hindi News
  • ⏱ Reading Time:
  • 71 sec. here
  • 14 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 70%
  • Publisher: 51%

यह लेख ईसा मसीह की जन्मकुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जिसमें उनके ग्रहों की स्थिति, योगों और उनके जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों का विस्तार से वर्णन किया गया है।

प्रभु ईसा मसीह का जन्म बेथलहम नगर की एक गौशाला में 25 दिसम्बर 7 ईसा पूर्व को ज्योतिष विद्या के अनुसार कन्या लग्न में हुआ है। यीशु की जन्मकुण्डली में केन्द्र स्थान में सूर्य , बुध , शनि , चन्द्र , गुरु स्थित है। चतुर्थ भाव में सुर्य तथा बुध , सप्तम भाव में शनि , चन्द्र एवं गुरु स्थित हैं, तीसरे पराक्रम स्थान पर छाया ग्रह राहु के साथ शुक्र स्थित है तथा भाग्य स्थान में छाया ग्रह केतु स्थित है, छठे भाव में मंगल स्थित है। शनि , गुरु दोनों चन्द्र मा के साथ मीन राशि में हैं, छाया ग्रह केतु शुक्र की राशि में

है। सूर्य तथा बुध, गुरु की धनु राशि में ‘बुधादित्य योग’ बना रहे हैं। मंगल शनि की कुम्भ राशि में स्थित है। मंगल की वृश्चिक राशि में शुक्र तथा राहु विद्यमान है। बृहस्पति अपनी स्वयं की राशि मीन में चन्द्रमा से युक्त ‘गजकेसरी योग’ का सृजन कर रहा है। बलवान बृहस्पति ग्रह ईसा मसीह को आध्यात्मिक बल प्रदान कर रहे हैं। भाग्य स्थान में छाया ग्रह केतु आध्यात्मिक प्रवृत्ति जागृत कर रहा है। प्रभु यीशु की जन्मकुण्डली में शुक्र स्वयं अपनी राशि को पूर्ण दृष्टि से देखकर बल प्रदान कर रहा है यानि कि नवमेश की नवम धर्म स्थान पर (राहु के साथ) पूर्ण दृष्टि ने ईसा को ईसाइयों के धर्म का प्रवर्तक बनाया। देवगुरु बृहस्पति की पूर्ण दृष्टि नवमेश शुक्र पर इस बात की पुष्टि भी करती है। शनि की पूर्ण दृष्टि व्ययेश पर पड़ रही है। पराक्रम स्थान पर छाया ग्रह राहु तथा नवमेश शुक्र ईसा को पीड़ित, असहायों के लिए मदद का मसीहा बना रहा है। मोक्षकारक केतु धर्म भाग्य स्थान पर धार्मिक प्रवत्ति का सृजन करता है। चन्द्रमा मीन राशिगत तथा लग्नेश बुध माता के स्थान चतुर्थ भाव में बुध से युक्त तथा गुरु से दृष्ट यीशु की माता मरियम के बारे में बताता है। अष्टमेश मंगल षष्ठ स्थान में स्थित होकर यीशु के शत्रुओं की वृद्धि करता है। यही मंगल षष्ठ शत्रु स्थान से लग्न को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है। व्यय स्थान तथा भाग्य भाव पर भी क्रूर मंगल की दृष्टि है इसी कारण मंगल के प्रभाव से ही प्रभु यीशु शत्रुओं द्वारा सूली पर चढ़ाए गए। इस प्रकार संसार में व्याप्त घनघोर अंधकार को दूर करने वाला ‘ईश्वर का पुत्र यीशु’ इच्छापूर्ति कर वापस उनके पास पहुँच गया

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

NBT Hindi News /  🏆 20. in İN

ईसा मसीह जन्मकुंडली ज्योतिष शनि बुध सूर्य चन्द्र गुरु शुक्र राहु केतु

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

बरेली के क्रिश्चियन समुदाय का 25 दिसंबर पर विशेष पर्वबरेली के क्रिश्चियन समुदाय का 25 दिसंबर पर विशेष पर्वबरेली के विभिन्न चर्चों में 25 दिसंबर को ईसा मसीह की जन्मदिन पर विशेष उत्सव मनाया जा रहा है।
और पढो »

क्रिसमस ट्री पर सितारा: ईश्वरीय मार्गदर्शन का प्रतीकक्रिसमस ट्री पर सितारा: ईश्वरीय मार्गदर्शन का प्रतीकक्रिसमस ट्री पर लगा सितारा ईसाई धर्म में 'बेथलेहम का सितारा' माना जाता है। यह सितारा ईसा मसीह के जन्म का प्रतीक है और मार्गदर्शन, दिव्यता और आशा का प्रतीक है।
और पढो »

चंडीगढ़ नगर निगम में अनिल मसीह के पोस्टर को लेकर हंगामा, हाथापाईचंडीगढ़ नगर निगम में अनिल मसीह के पोस्टर को लेकर हंगामा, हाथापाईचंडीगढ़ नगर निगम सदन की बैठक में अनिल मसीह के पोस्टर को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने बीजेपी पार्षदों के साथ हाथापाई की।
और पढो »

'ईसा मसीह आए थे सपने में...',लिंगायत संत शिवकुमार स्वामी की प्रतिमा तोड़ने वाले आरोपी का अजीबो-गरीब दावा'ईसा मसीह आए थे सपने में...',लिंगायत संत शिवकुमार स्वामी की प्रतिमा तोड़ने वाले आरोपी का अजीबो-गरीब दावालिंगायत संत की प्रतिमा तोड़े जाने की खबर फैलते ही लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. स्थानीय लोग मांग कर रहे थे कि जिस आरोपी ने ये किया उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाए. पुलिस ने भी मामले की गंभीरता को समझते हुए आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया.
और पढो »

GK: कौन सी है सीरिया की वह मस्जिद, जिसके बारे में कहा जाता है कि वहां आएंगे ईसा मसीहGK: कौन सी है सीरिया की वह मस्जिद, जिसके बारे में कहा जाता है कि वहां आएंगे ईसा मसीहसीरिया के दमिश्क शहर में दुनिया का सबसे पुरानी कही जाने वाली मस्जिद उमय्यद मस्जिद है जिसे ग्रेट मॉस्क ऑफ डेमास्कस भी कहा जाता है. इस मस्जिद को मस्लिमों के साथ साथ ईसाईयों की भी गहरा कनेक्शन है और यह स्थान याद दिलाता है कि कैसे दोनों धर्म जुड़े हुए हैं.
और पढो »

सफला एकादशी 2024: मेष, तुला और मीन राशि के लिए शुभसफला एकादशी 2024: मेष, तुला और मीन राशि के लिए शुभसफला एकादशी व्रत के शुभ फल और ज्योतिषीय प्रभावों के बारे में जानें।
और पढो »



Render Time: 2025-02-13 16:22:09