भारत उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों को 31 जनवरी तक किसानों को उनकी जमीन के बदले मुआवजा देने का निर्देश दिया, अन्यथा उन पर अवमानना की कार्यवाई की जाएगी।
भारत उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों को फटकार लगाई। न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे 31 जनवरी तक किसान ों को उनकी जमीन के बदले मुआवजा प्रदान करें, अन्यथा उन पर अवमानना की कार्यवाई की जाएगी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन.
कोटेश्वर सिंह की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। बीड जिले के जांभलखोरी बोरफड़ी में 2005 में पानी की टंकी बनाने के लिए किसानों की जमीन ली गई थी। यह जमीन महाराष्ट्र सरकार ने रोजगार गारंटी योजना के तहत अधिग्रहित की थी। न्यायालय ने कहा कि यह एक क्लासिक उदाहरण हैं, जहां महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों ने उन किसानों को मुआवजा नहीं दिया, जिनकी जमीन अधिग्रहित की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि 1.49 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश पहले ही पारित किया गया था, लेकिन किसानों को अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला। न्यायालय ने कहा कि राज्य के अधिकारियों ने इस मामले में जिस तरह से काम किया, हम उससे पूरी तरह से निराश हैं। न्यायालय ने महाराष्ट्र के प्रमुख सचिव, वित्त सचिव और पंचायती राज सचिव को एक हफ्ते के भीतर इस मामले का संज्ञान लेने का आदेश दिया। साथ ही बीड के कलेक्टर को यह भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि किसानों को मुआवजा मिल जाए। न्यायालय ने कहा कि 31 जनवरी तक सभी किसानों और संबंधित लोगों को मुआवजा दिया और इसकी रिपोर्ट शीर्ष कोर्ट को सौंपी जाए। न्यायालय ने कहा कि अगर 31 जनवरी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की गई तो बॉम्बे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल सभी अधिकारियों के खिलाफ अवमानना के मामले को आगे बढ़ाएंगे। न्यायालय ने कहा कि मुआवजा राशि का भुगतान न करने के लिए दोषी अधिकारियों से निजी रूप से एक लाख रुपये की वसूली की जाएगी
उच्चतम न्यायालय महाराष्ट्र सरकार किसान मुआवजा अवमानना
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को किसानों का मुआवजा देने का आदेश दियाउच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को किसानों को उनकी जमीन के बदले 1.49 करोड़ रुपये के मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया है। अदालत ने राज्य के अधिकारियों को 31 जनवरी तक मुआवजा देने का निर्देश दिया है और चेतावनी दी है कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो अवमानना की कार्यवाई की जाएगी।
और पढो »
कर्नाटक सरकार रेणुकास्वामी हत्या मामले में उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देती हैराज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में SLP दायर किया है, जिसमें दर्शन थुगुदीप और अन्य आरोपियों को जमानत देने के उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई है।
और पढो »
सुप्रीम कोर्ट का फटकार, महाराष्ट्र सरकार को किसानों को 31 जनवरी तक मुआवजा देने का आदेशसुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई है और किसानों को 31 जनवरी तक उनकी जमीन के बदले मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर अधिकारियों ने समय पर मुआवजा नहीं दिया तो उन पर अवमानना की कार्यवाई होगी। यह आदेश बीड जिले के किसानों को 2005 में पानी की टंकी बनाने के लिए उनकी जमीन ली गई थी, लेकिन उन्हें अभी तक मुआवजा नहीं मिला है, के मामले में दिया गया है।
और पढो »
सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेता डल्लेवाल को अस्पताल में स्थानांतरित करने का निर्देश दियाभारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार को अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर पर एक अस्थायी अस्पताल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है।
और पढो »
सुप्रिम कोर्ट ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता देने का निर्देश दियासुप्रिम कोर्ट ने पंजाब सरकार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। उन्होंने अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे डल्लेवाल के जीवन को लेकर चिंता व्यक्त की और 28 दिसंबर तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
और पढो »
श्रीमतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण पर सख्ती दिखाईश्रीमतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने एनसीआर के राज्यों को प्रदूषण से बचने के उपायों का पालन करने का निर्देश दिया है।
और पढो »