उत्तराखंड में सुगंधित पौधों की खेती तेजी से बढ़ रही है और किसानों को अच्छी खासी कमाई करा रही है. एशेंशियल ऑयल की उच्च कीमत और बाजार में इसकी बढ़ती मांग ने इस क्षेत्र में नए अवसर पैदा किए हैं. उत्तराखंड सरकार सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है.
सेलाकुई स्थित सगंध पौधा केंद्र के निदेशक नृपेंद्र चौहान बताते हैं कि एशेंशियल ऑयल पौधों द्वारा विपरीत परिस्थितियों में अपनी रक्षा के लिए उत्पादित एक विशेष प्रकार का तेल है. यह तेल पौधों के फूल, पत्तियां, तना, जड़ और फलों में मौजूद ऑयल ग्लैंड्स में संग्रहित रहता है. इसे निकालने के लिए भाप आसवन (Steam Distillation), ठंडा दबाव (Cold Pressing) और रासायनिक निष्कर्षण (Chemical Extraction) जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है.
उत्तराखंड में लैमनग्रास, डमस्क रोज़, कैमोमाइल और जिरेनियम जैसे पौधों की खेती तेजी से बढ़ रही है. डमस्क गुलाब का एशेंशियल ऑयल अपनी ऊंची कीमत की वजह से सुर्खियों में है, जिसकी बाजार में कीमत लगभग ₹12 लाख प्रति लीटर है. इसकी खेती कर किसान मालामाल बन जाएंगे. इसके अलावा लैवेंडर ऑयल, टी ट्री ऑयल, पेपरमिंट ऑयल और यूकेलिप्टस ऑयल की बाजार में भारी मांग है. यह सिर्फ खेती नहीं, बल्कि एक पूरा बिजनेस मॉडल है. सगंध पौधा केंद्र के निदेशक नृपेंद्र चौहान बताते हैं कि परंपरागत खेती के मुकाबले सुगंधित पौधों की खेती किसानों को कहीं अधिक मुनाफा देती है. उत्तराखंड की जलवायु और मिट्टी इन पौधों के लिए अनुकूल है, जिससे यहां के किसान अब अपनी आमदनी को कई गुना बढ़ा रहे हैं. एशेंशियल ऑयल के औषधीय गुण तनाव, दर्द और त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए रामबाण माने जाते हैं. वहीं, सौंदर्य प्रसाधनों में इनका उपयोग इन्हें और आकर्षक बनाता है. उत्तराखंड सरकार सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है. इन पौधों की खेती के लिए किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. पहाड़ी क्षेत्रों में यह अनुदान 75 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. इसके अलावा, मुफ्त ट्रेनिंग और प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में भी सरकार सहायता प्रदान कर रही है. अगर आप भी इस खुशबूदार व्यवसाय का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो अब समय आ गया है कि सुगंधित पौधों की खेती में कदम रखें और अपनी किस्मत चमकाएं
एशेंशियल ऑयल सुगंधित पौधों खेती उत्तराखंड किसान व्यापार सरकार योजना
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
किसानों के लिए खजाने से कम नहीं यह खेती, 12 लाख रुपए KG बिकता है इसका तेल, जल्द बन जाएंगे मालामालAromatic Plants Farming: सुगंधित पौधों की खेती कर किसान बेहतरीन कमाई कर सकते हैं. इन पौधों से एशेंशियल तेल निकलता है. जो बाजार में लाखों की कीमत में बिकता है. उत्तराखंड में सरकार इस खेती के लिए अनुदान भी दे रही है.
और पढो »
ये किसान इंटरक्रॉपिंग विधि से कर रहा खेती, एक फसल से कमा रहा 4 लाख मुनाफाबाराबंकीः आज के समय मे किसान पारंपरिक खेती से हट कर अच्छी कमाई के लिए औषधीय खेती और बागवानी खेती की ओर रुख कर रहे हैं. किसानों का रुझान बागवानी कृषि में फलों की खेती की ओर बढ़ता जा रहा है. इन फसलों की मांग मार्केट में बढ़ तो रही ही है. इसके साथ ही इन फसलों की खेती में किसानों की लागत भी बहुत कम हो रही है.
और पढो »
धान के कटोरे में आई स्ट्रॉबेरी की मिठास, खेती से बिहार के किसानों ने बदल दी किस्मत, लाखों में हो रही कमाईStrawberry Cultivation: बिहार के ओबरा प्रखंड में किसानों ने पारंपरिक खेती को छोड़कर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की है. अब, जहां एक ओर किसान धान और अन्य पारंपरिक फसलों पर निर्भर थे, वहीं स्ट्रॉबेरी की खेती ने उनकी किस्मत बदल दी है. ऐसे में इस आर्टिकल में जानिए कैसे इस मीठे फल की खेती से बिहार के किसान अपनी कमाई में तीन से चार गुना तक बढ़ा रहे हैं.
और पढो »
चुकंदर की खेती से करोड़ों का मुनाफाऔरंगाबाद जिले के किसान अजय मेहता ने पारंपरिक खेती छोड़ चुकंदर की खेती की शुरुआत की। दो बीघा जमीन में उन्होंने एक वर्ष में 4 लाख रुपए का मुनाफा कमाया।
और पढो »
4 एकड़ खेत...हर सीजन लाखों में कमाई, इस फसल की खेती से बिहार का किसान मालामाल, अपनाते हैं ये तरीकाबिहार में बड़े पैमाने पर किसान मक्का की खेती करते हैं. अररिया जिला भी इससे अछूता नहीं है. यहां के किसान भी मक्का की खेती करते हैं. उन्हीं किसानों में से एक हैं फारबिसगंज प्रखंड अंतर्गत मिर्जापुर गांव के किसान पप्पू कुमार, जो चार एकड़ में मक्का की खेती करते हैं. मक्का की खेती से किसान को अच्छी कमाई भी हो रही है.
और पढो »
हर तरह की मिट्टी में कर सकते हैं इस सब्जी की खेती, कम लागत में कमाई होगी जबरदस्तCauliflower cultivation tips: नगदी फसल में सब्जी की खेती किसानों के लिए हमेशा से फायदेमंद रही है. सब्जी की खेती से किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा लेते हैं. फूल गोभी की खेती भी उसी श्रेणी में आती है. इसकी खेती से भी किसान कम लागत और कम समय में अच्छी कमाई कर सकते हैं.
और पढो »