उत्तराखंड कांग्रेस की लड़ाई और आधी आबादी...BJP की रिकॉर्डतोड़ जीत के 6 बड़े कारण

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UttarakhandElections2022 | उत्तराखंड एक ऐसा राज्य, जिसके बनने के बाद से यहां पर 4 विधानसभा चुनाव हुए, लेकिन कभी भी एक दल दोबारा सत्ता पाने का चमत्कार नहीं कर सका. इस बार BJP ने राज्य के इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया है | rkhamariya

एक ऐसा राज्य जिसके बनने के बाद से यहां पर 4 विधानसभा चुनाव हुए, लेकिन कभी भी एक दल दोबारा सत्ता पाने का चमत्कार नहीं कर सका. इस बार बीजेपी ने राज्य के इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया है और लगातार दूसरे कार्यकाल में वह राज्य की सत्ता पर शासन करने जा रही है. चुनाव से पहले बड़े विशेषज्ञ और एक्सपर्ट बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस को वजन दे रहे थे, वही एग्जिट पोल ने भी बीजेपी को बहुमत के आंकड़े से दूर ही रखा था, पर बीजेपी खेमे ने इन सभी कयासों को झुठलाते हुए सत्ता पर आसान वापसी कर ली.

जो लोग उत्तराखंड की पॉलिटिक्स को लंबे समय से फॉलो कर रहे हैं, उन्हें पता है कि उत्तराखंड वृद्धावस्था पेंशन योजना, फ्री लैपटॉप योजना, गौरा देवी कन्या धन योजना, अटल आयुष्मान योजना, विधवा पेंशन योजना, उत्तराखंड 1 रू पानी कनेक्शन योजना, मुख्यमंत्री सोलर स्वरोजगार योजना, विवाह-शादी अनुदान योजना आदि की वजह से बीजेपी की चुनावी राजनीति कैसे परवान चढ़ती रही.

बीजेपी की यह रणनीति ज्यादातर चुनावों में राजनीति शास्त्र के एक बहुत बड़े फैक्टर को खत्म कर देती है जिसका नाम है एंटी इनकंबेसी . आम आदमी मोदी की छवि और उनके काम से खुश है तो ऐसे में वह अपने विधायक से नाराजगी को भी नजरअंदाज करके मोदी के नाम पर वोट देता है. बीजेपी के रणनीतिकार इस बात को बहुत अच्छे से समझ चुके हैं. अधिकतर राज्यों में बीजेपी ने मोदी मैजिक के फैक्टर को भुनाया है. उत्तराखंड भी इसका पर्याय नहीं रहा. मोदी जी देवभूमि के आंचल में जब भी आए उन्होंने अपना जुड़ाव इस जमीन से दिखाया.

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