उत्तरकाशी में पांच किमी गहराई में भूकंप का केंद्र था। जिले के जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने अधिकारियों को जिले में सभी तहसील क्षेत्रों में भूकंप के प्रभावों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल, जिले में जान-माल का कोई नुकसान की रिपोर्ट नहीं आई है।
उत्तरकाशी में पांच किमी गहराई में भूकंप का केंद्र था। जिले के जिलाधिकारी डॉ.
मेहरबान सिंह बिष्ट ने अधिकारियों को जिले में सभी तहसील क्षेत्रों में भूकंप के प्रभावों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल, जिले में जान-माल का कोई नुकसान की रिपोर्ट नहीं आई है।\भूकंप क्यों आते हैं? पृथ्वी के अंदर सात प्लेटें हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेटें ज्यादा टकराती हैं, वहां को फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं। जब बहुत दबाव बनता है, तो प्लेटें टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती है और इस तरह भूकंप आता है।\क्या है भूकंप के केंद्र और तीव्रता का मतलब? भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जहां प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन सबसे अधिक होता है। कंपन की आवृत्ति जितनी दूर होती जाती है, उसका प्रभाव उतना ही कम होता जाता है। फिर भी, यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप आता है, तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।\भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है और इसका क्या पैमाना है? भूकंप की जांच रिक्टर स्केल से होती है, जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा लगाया जाता है
भूकंप उत्तरकाशी रिक्टर स्केल तीव्रता केंद्र भूकंप का कारण
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