उत्तर प्रदेश में गर्म मौसम से गेहूं की फसल पर चिंता

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उत्तर प्रदेश में गर्म मौसम से गेहूं की फसल पर चिंता
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उत्तर प्रदेश में अचानक हुए मौसम में बदलाव से किसानों में चिंता है। फरवरी में दिन का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो रहा है, जिससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का खतरा बढ़ गया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मौसम ने अचानक बदलाव दिखाया है। दिन में तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो रहा है। फरवरी में ऐसा मौसम किसान ों को चिंता का विषय बना चुका है। पिछले कुछ दिनों से दिन के समय अप्रत्याशित रूप से अधिक तापमान दर्ज किया गया है। इससे देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य यूपी में गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का खतरा है।\राज्य कृषि विभाग के अनुसार, पूर्वी यूपी में कृषि भूमि के बड़े हिस्से में सामान्य से अधिक गर्म दिनों का प्रभाव देखा जा रहा है। प्रदेश में मौसम के गर्म होने के

कारण गेहूं की फसल का आकार सामान्य ऊंचाई से लगभग आधा करीब 70-80 सेंटीमीटर रह गया है। यूपी कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक संजय सिंह ने बताया कि पूर्वी यूपी के कुछ इलाकों में न्यूनतम तापमान भी 15 डिग्री सेल्सियस के बेंचमार्क को पार कर गया है। अगर यह प्रवृत्ति जारी रही तो गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।\संजय सिंह ने कहा कि फसल को ठीक होने के लिए अगले 10-15 दिनों तक न्यूनतम तापमान का 15 डिग्री से नीचे रहना महत्वपूर्ण है। अगर यह स्थिति नहीं रहती है तो उत्पादन में काफी गिरावट आएगी। विशेषज्ञों के अनुसार, विशेष रूप से पूर्वी यूपी में प्रति हेक्टेयर दो से तीन क्विंटल गेहूं का उत्पादन कम होने की उम्मीद है। संजय सिंह ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थिति उतनी चिंताजनक नहीं है, जहां तापमान अपेक्षाकृत सामान्य सीमा के भीतर बना हुआ है। विशेषज्ञों ने बताया कि उच्च तापमान मुख्य रूप से प्रकाश संश्लेषण को कम करके अनाज भरने में बाधा उत्पन्न करता है। पराग बंध्यता का कारण बनकर यह स्थिति बनती है। बायोमास उत्पादन में समग्र गिरावट लाकर गेहूं की वृद्धि और उपज पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। यह विशेष रूप से तब बनती है, जब पौधे के प्रजनन चरणों, जैसे कि फूल और अनाज के विकास के दौरान गर्मी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि तापमान में मामूली वृद्धि भी उपज में भारी नुकसान पहुंचा सकती है। यूपी में 2024-2025 रबी सीजन के लिए 32.25 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 4.7 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। राज्य में गेहूं की खेती के तहत सबसे बड़ा क्षेत्र है, जो लगभग 9.6 मिलियन हेक्टेयर है। भारत के कुल गेहूं उत्पादन में 25 फीसदी से अधिक का योगदान यूपी देता है

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