मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के बीच, उद्योग जगत ने सरकार से मिडिल क्लास की राहत देने के लिए बजट में कदम उठाने की मांग की है।
नई दिल्ली. अपने हक की बात तो सभी करते हैं, लेकिन जब कोई दूसरा किसी और के हक की बात करने लगे तो समझ लेना चाहिए कि मामला गंभीर है. सरकार को भी अब यह बात समझ आ रही है कि मिडिल क्लास का मुद्दा गंभीर होता जा रहा है. इस बार मिडिल क्लास का मुद्दा उद्योग जगत ने उठाया है, जो हमेशा अपने हित की बात करता है. वह भी सीधे वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और सरकार के अन्य आला-अधिकारियों के सामने. ऐसे में उम्मीद जगी है कि शायद इस बार के बजट में आम आदमी को राहत देने वाली कुछ बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं.
मौका था बजट 2025 से पहले इंडस्ट्री के साथ मुद्दो पर चर्चा की. सोमवार को हुई इस बैठक में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ वित्त मंत्रालय के तमाम सचिव भी मौजूद थे. इस दौरान उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि मध्य वर्ग के हाथों में अधिक खर्च करने योग्य आय सुनिश्चित करने के लिए सरकार को वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट में व्यक्तिगत आयकर दरों में कमी करनी चाहिए. साथ ही ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कमी और रोजगार वाले क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने की भी जरूरत है. ये भी पढ़ें – नया साल आने से पहले भारत के लिए आई खुशखबरी! सरकार और आम आदमी सभी को मिलेगा इसका फायदा क्या बोला उद्योग जगत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बजट से पहले पांचवीं परामर्श बैठक के दौरान उद्योग निकायों ने भारत सहित वैश्विक स्तर पर चीन के अतिरिक्त स्टॉक को डंप करने और ‘जलवायु आपातकाल’ के कारण खाद्य सुरक्षा और मुद्रास्फीति के लिए पैदा हो रही चुनौतियों का भी मुद्दा उठाया. 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट से पहले हुई इस बैठक में वित्तमंत्री के अलावा वित्त सचिव, दीपम (निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग) के सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव और भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार भी शामिल हुए. सीआईआई ने उठाया चीन का मुद्दा बैठक के बाद भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष संजीव पुरी ने संवाददाताओं से कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है, लेकिन वैश्विक स्तर पर कई चुनौतियां हैं. चीन बहुत सारे उत्पादों को भारत सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में डंप कर रहा है. हमारे सामने जलवायु आपातकाल का मुद्दा भी है, जो अन्य चीजों के अलावा खाद्य सुरक्षा और मुद्रास्फीति को भी प्रभावित करता ह
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