पत्रिका में एक देश एक चुनाव पर चर्चा की गई है। यह विचार एक देश में लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभा चुनाव एक साथ होने पर आधारित है। भारतीय संविधान में अलग-अलग राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल अलग-अलग समय पर पूरा होने के कारण, विधानसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। हालाँकि, कुछ राज्यों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होते हैं। विधि आयोग ने एक ड्राफ्ट रिपोर्ट में आर्थिक कारणों से एक देश एक चुनाव की सिफारिश की थी। आयोग का मानना है कि साथ-साथ चुनाव होने पर खर्च 50:50 के अनुपात में बंट जाएगा।
क्या है एक देश एक चुनाव की बहस? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के स्वतंत्रता दिवस पर एक देश एक चुनाव का जिक्र किया था। तब से अब तक कई मौकों पर भाजपा की ओर एक देश एक चुनाव की बात की जाती रही है। ये विचार इस पर आधारित है कि देश में लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हों। अभी लोकसभा यानी आम चुनाव और विधानसभा चुनाव पांच साल के अंतराल में होते हैं। इसकी व्यवस्था भारत ीय संविधान में की गई है। अलग-अलग राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल अलग-अलग समय पर पूरा होता है, उसी के हिसाब से उस...
त्रिपाठी ने कहा था, 'चुनाव लोकतंत्र से जुड़े हैं और लोकतंत्र शासन का जरिया है। एक राष्ट्र-एक चुनाव की धारणा 1952 से 1967 तक चली। राज्यों की संप्रभुता और पहचान अलग-अलग चुनाव से मजबूत हुई। देश के अर्ध एवं सहकारी संघवाद के लिए यह एक बेहतर विकल्प है।' कैसे पारित होगा ये प्रस्ताव? राज्यसभा के पूर्व महासचिव देश दीपक शर्मा ने इस बारे में एक इंटरव्यू में बताया, 'इस बारे में एक प्रक्रिया करनी होगी जिसमें संविधान संशोधन और राज्यों का अनुमोदन भी शामिल है। संसद में पहले इस विधेयक को...
एक देश एक चुनाव विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव भारत विधि आयोग
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
One Nation One Election: 'एक राष्ट्र एक चुनाव' भारत के लोकतंत्र के लिए हानिकारकOne Nation One Election: एक राष्ट्र एक चुनाव पर कोविंद समिति का तर्क है कि एक साथ चुनाव कराने से देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा और चुनावी खर्च कम होगा.
और पढो »
One Nation One Election: क्या एक देश, एक चुनाव 2034 से पहले लागू होना संभव है?One Nation One Election: देश में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' यानी 'एक देश, एक चुनाव' की व्यवस्था को लागू करने के लिए तैयार किया जा रहा बिल संसद के शीतकालीन सत्र में अगले हफ़्ते पेश किया जा सकता है. गुरुवार को कैबिनेट ने बिल के प्रारूप को मंजूरी दे दी.
और पढो »
एक देश एक चुनाव: क्या है इसका उद्देश्य?यह लेख 'एक देश एक चुनाव' प्रस्ताव के बारे में बताता है। इसमें भारत में चुनावों की वर्तमान व्यवस्था, 'एक देश एक चुनाव' के समर्थन में दिए गए तर्क और इस प्रस्ताव के इतिहास का अवलोकन किया गया है।
और पढो »
एक देश-एक चुनाव: सरकार लाया बिल, सत्ता में बहुमत है क्या?मोदी सरकार ने 'एक देश-एक चुनाव' के लिए बिल पेश किया है. यह बिल संसद में आसान नहीं होगा. क्योंकि इसे पास करने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होगी जबकि एनडीए के पास यह बहुमत नहीं है.
और पढो »
Break-up: दिल टूटना अंत नहीं, जानें कैसे दर्द से मिलती है नई शुरुआत और खुद को जानने का मौकाक्या आप जानते हैं कि दिल टूटने का अनुभव केवल दुख का कारण नहीं, बल्कि यह आत्म-सुधार और नई शुरुआत का एक बड़ा अवसर भी बन सकता है?
और पढो »
'एक हैं तो सेफ हैं' पर बहस, शहजाद पूनावाला बोले- यह चुनाव नहीं, देश का नाराAgenda AajTak 2024: एजेंडा आजतक के दूसरे दिन 'एक हैं तो सेफ हैं?' मुद्दे पर अलग-अलग पार्टियों के बीच बहस हुई. इस दैरान बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि 'एक हैं, तो सेफ हैं' नारा संविधान, जुबान, मोदी के काम में और मुहम्मद और राम में भी है.
और पढो »