भारत में अब चुनावों का एक सीमित समय होगा। केंद्रीय कैबिनेट ने एक देश-एक चुनाव से जुड़े विधेयकों को मंजूरी दे दी है। इस प्रणाली के तहत लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लागू करने की बात पहले से ही कई बार कही थी। एक देश-एक चुनाव से देश में राजनीति और अर्थव्यवस्था पर कितना असर पड़ेगा, इस पर ख़बर की पड़ताल करता है।
जागरण टीम, नई दिल्ली। कहा जाता है कि भारत में नेता और राजनीति क दल हमेशा चुनावी मोड में रहते हैं, इसकी वजह भी है। यहां कभी लोकसभा चुनाव , कभी राज्यों की विधानसभा के चुनाव और कभी स्थानीय निकायों के चुनाव चलते रहते हैं, लेकिन आज के बाद यह बदलने वाला है। अब देश में केंद्र और राज्य सरकारों के चुनाव एक साथ होंगे। इसका मतलब है कि चुनावी खबरों का एक तय मौसम होगा। केंद्रीय कैबिनेट ने गत गुरुवार को ही एक देश-एक चुनाव से जुड़े विधेयकों को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा...
क्या है एक देश-एक चुनाव? भारत में एक देश-एक चुनाव का मतलब है कि संसद के निचले सदन यानी लोकसभा चुनाव के साथ ही सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव भी कराए जाएं। इसके साथ ही स्थानीय निकायों यानी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत और ग्राम पंचायतों के चुनाव भी हों। इसके पीछे विचार है कि ये चुनाव एक ही दिन या फिर एक निश्चित समय सीमा में कराए जा सकते हैं। आजादी के बाद देश में कैसे होते थे चुनाव? आजादी के बाद वर्ष 1950 में देश गणतंत्र बना। वर्ष 1951-52 से 1967 के बीच लोकसभा के साथ ही राज्यों के विधानसभा...
राष्ट्रपति चुनाव एक देश-एक चुनाव लोकसभा चुनाव राज्य विधानसभा चुनाव भारत
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
भारत में 'एक देश-एक चुनाव': मोदी सरकार का बिल लोकसभा मेंमोदी सरकार ने 'एक देश-एक चुनाव' बिल लोकसभा में पेश किया, जिसका उद्देश्य देशभर में एक ही समय पर चुनाव कराना है. बिल को संसद की संयुक्त समिति यानी जेपीसी के पास भेजा जाएगा. दोनों बिल संविधान संशोधन और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ चुनाव से संबंधित हैं.
और पढो »
20 नवंबर का इतिहास: टीपू सुल्तान, माइक्रोसॉफ्ट, डायना... आज ही पहले भारतीय बल्लेबाज ने टेस्ट में लगाई थी डबल सेंचुरीभारत में क्रिकेट एक खेल न रहकर एक जुनून बन गया है. देश में क्रिकेट का इतिहास 200 साल से भी ज्यादा
और पढो »
One Nation One Election: 'एक राष्ट्र एक चुनाव' भारत के लोकतंत्र के लिए हानिकारकOne Nation One Election: एक राष्ट्र एक चुनाव पर कोविंद समिति का तर्क है कि एक साथ चुनाव कराने से देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा और चुनावी खर्च कम होगा.
और पढो »
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने 'एक देश एक चुनाव' पर केंद्र पर निशाना साधालोकसभा में सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने 'एक देश एक चुनाव' पर केंद्र पर निशाना साधा और भारतीय जनता पार्टी के तानाशाही वाले कार्यक्रमों पर सवाल उठाया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि एक देश-एक चुनाव का प्रस्ताव तानाशाही लाने का एक नया तरीका है। सपा प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि 'एक देश-एक चुनाव' का फैसला सच्चे लोकतंत्र के लिए घातक साबित होगा।
और पढो »
एक देश एक चुनाव विधेयक लोकसभा में पेश, कई विपक्षी दलों का विरोधएक देश एक चुनाव विधेयक लोकसभा में पेश किया गया, कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। एनडीए सहयोगी पार्टियां समर्थन करती हैं।
और पढो »
एक देश, एक चुनाव: संसद में बिल पेश, विपक्ष का विरोध तेजएक देश एक चुनाव बिल मंगलवार को संसद में पेश किया गया, जिसके विरोध में तमाम विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं. कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, और अन्य पार्टियां इस बिल को संविधान विरोधी बता रही हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रही हैं.
और पढो »