एक देश, एक चुनाव: संसद में विधेयक पेश, विपक्ष का विरोध

राजनीति समाचार

एक देश, एक चुनाव: संसद में विधेयक पेश, विपक्ष का विरोध
राजनीतिचुनावसंविधान
  • 📰 NDTV India
  • ⏱ Reading Time:
  • 72 sec. here
  • 9 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 53%
  • Publisher: 63%

लोकसभा में 'एक देश, एक चुनाव' के लिए संशोधन विधेयक पेश हुआ. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित सभी सांसदों ने इसका विरोध किया. विधेयक को जेपीसी को दिया गया है.

क्या आप आए दिन होने वाले चुनाव ों से थक गए हैं? नवंबर में ही झारखंड, महाराष्ट्र के चुनाव हुए और अब जनवरी या फरवरी में दिल्ली विधानसभा के चुनाव हैं. इसी साल 2024 की बात करें तो आम चुनाव के अलावा आठ राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव हो चुके हैं. इस बीच तमाम उप चुनाव और राज्यों में स्थानीय निकायों और पंचायतों के चुनाव भी होते रहे. कई बार सरकार की मशीनरी इसी चुनाव प्रक्रिया में व्यस्त रहती है. आए दिन चुनाव आचार संहिता लगने से सरकार की कई ज़रूरी योजनाएं, आपके कई ज़रूरी काम अटक जाते हैं.

इन सबका हल क्या है? मोदी सरकार एक देश, एक चुनाव को इसका हल बता रही है. यानी लोकसभाओं और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराना, लेकिन इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा. मंगलवार को लोकसभा में 'एक देश, एक चुनाव' के लिए संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश हो गया. जैसी की उम्मीद थी कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत सभी सांसदों ने इसका पुरजोर विरोध किया. बिल को फिलहाल व्यापक विचार विमर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी को सौंप दिया गया है. जेपीसी से निकलने बाद बिल संसद में आएगा और फिर इस पर बहस होगी. एक देश, एक चुनाव से जुड़ी बारीक बातों को जरा आसान भाषा में समझिए...विधेयक कैसे तैयार हुआमोदी सरकार ने एक देश एक चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की सिफ़ारिशों के आधार पर संशोधन विधेयक तैयार किया. 2 सितंबर, 2023 को बनी रामनाथ कोविंद कमेटी ने 191 दिन तक तमाम राजनीतिक दलों, चुनाव और संविधान से जुड़े विशेषज्ञों, कारोबार और समाज से जुड़े संगठनों से व्यापक विचार विमर्श के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की. इसके लिए 65 बैठकें की गईं. इस सबके आधार पर 21 वॉल्यूम में 15 चैप्टरों की 18,626 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की गई जो इस साल 14 मार्च को राष्ट्रपति को सौंपी गई. क़रीब तीन महीने पहले मोदी कैबिनेट ने इस उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट की सिफ़ारिशों को स्वीकार किया और उसी के आधार पर संविधान संशोधन विधेयक तैयार किया. मोदी कैबिनेट से मंज़ूरी के बाद इसे संसद में रखा गया. विपक्ष तैयार नहीं"ये बिल संघीय ढांचे पर खतरा": धर्मेंद्र यादव#OneNationOneElection | #Loksabh

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

NDTV India /  🏆 6. in İN

राजनीति चुनाव संविधान संशोधन एक देश एक चुनाव जेपीसी

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

एक देश, एक चुनाव: संसद में बिल पेश, विपक्ष का विरोध तेजएक देश, एक चुनाव: संसद में बिल पेश, विपक्ष का विरोध तेजएक देश एक चुनाव बिल मंगलवार को संसद में पेश किया गया, जिसके विरोध में तमाम विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं. कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, और अन्य पार्टियां इस बिल को संविधान विरोधी बता रही हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रही हैं.
और पढो »

एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयकएक राष्ट्र एक चुनाव विधेयकलोकसभा में पेश किया गया 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक का विपक्ष ने आक्रामक विरोध किया। सरकार ने बिल को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने का फैसला किया है।
और पढो »

एक देश एक चुनाव: संसद में बिल पेश, विपक्ष का विरोधएक देश एक चुनाव: संसद में बिल पेश, विपक्ष का विरोधकेंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक देश एक चुनाव के लिए संविधान संसोधन बिल पेश किया। बहुमत से बिल को पेश किया गया लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह संवैधानिक रूप से कमजोर है और जनसमर्थन हासिल नहीं कर सकता।
और पढो »

एक देश एक चुनाव विधेयक लोकसभा में पेश, कई विपक्षी दलों का विरोधएक देश एक चुनाव विधेयक लोकसभा में पेश, कई विपक्षी दलों का विरोधएक देश एक चुनाव विधेयक लोकसभा में पेश किया गया, कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। एनडीए सहयोगी पार्टियां समर्थन करती हैं।
और पढो »

एक देश, एक चुनाव: संसद में पेश हुआ विधेयकएक देश, एक चुनाव: संसद में पेश हुआ विधेयकनवंबर में झारखंड और महाराष्ट्र के चुनावों के बाद जनवरी या फरवरी में दिल्ली विधानसभा के चुनाव आने वाले हैं। इस बीच, देश में कई अन्य राज्यों में भी चुनाव होते रहे हैं। मोदी सरकार 'एक देश, एक चुनाव' को हल मान रही है, जिसका मतलब है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराना। मंगलवार को लोकसभा में 'एक देश, एक चुनाव' के लिए संशोधन विधेयक पेश किया गया, जिसका विपक्ष ने पुरजोर विरोध किया। बिल को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को सौंप दिया गया है।
और पढो »

एक देश-एक चुनाव: सरकार का विपक्ष को जवाबएक देश-एक चुनाव: सरकार का विपक्ष को जवाबलोकसभा में 'एक देश-एक चुनाव' से जुड़ा बिल पेश होने के बाद केंद्र सरकार ने इसका समर्थन किया और विपक्ष के आलोचनाओं का जवाब दिया.
और पढो »



Render Time: 2025-02-15 18:36:15