ऑस्ट्रेलिया ने बच्चों के सोशल मीडिया पर शोरू में रोक लगाई, 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया दूर रखने के लिए कानून पारित किया। रिपोर्ट बताती है कि सोशल मीडिया का रोगी प्रभाव युवाओं पर पड़ रहा है। भारत में ऐसी बातें भी नजदीक पाई जाती हैं, तो भारत के लिए इस पर क्या करना चाहिए?
ऑस्ट्रेलिया ने बच्चों के सोशल मीडिया पर क्यों लगाया बैन; क्या भारत में भी ऐसा होगा, वो सबकुछ जो जानना जरूरीमध्य प्रदेश के देवास में 15 साल के विजय ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखा, जिसमें पटाखे वाली बंदूक बनाना सिखाया जा रहा था। विजय सारे स्टेप फॉलो करता गया। आखिर में 5 रुपए का सिक्का डालकर जैसे ही फायर किया, सिक्का उसके गले में धंस गया। विजय की मौत हो गईउत्तर प्रदेश के बलिया में 8 साल के दो लड़कों ने 7 साल की बच्ची से रेप किया। एक्सपर्ट्स का कहना था कि सोशल मीडिया की वजह से उनकी ऐसी सोच बनी...
5 नवंबर संसद में बोलते हुए अलबनीज ने सोशल मीडिया को टेंशन बढ़ाने वाला, ठगों और ऑनलाइन अपराधियों का हथियार बताया था। वह चाहते हैं कि आस्ट्रेलियाई युवा फोन छोड़कर फुटबॉल, क्रिकेट और टेनिस खेलें।इस कानून को लागू करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरकार जनवरी 2025 से मार्च 2025 के बीच एक ट्रायल करेगी। इस ट्रायल में 1200 ऑस्ट्रेलियाई लोगों को चुना जाएगा। इसमें उम्र की वैरिफिकेशन के 3 तरीकों पर रिसर्च की जाएगी…इस टेक्नोलॉजी में चेहरे को देखकर उम्र का अंदाजा लगाया जाएगा। बच्चों को सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाने के...
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनियों का कहना है कि इस कानून के लागू होने से उनके बिजनेस को नुकसान होगा। क्योंकि सोशल मीडिया के ज्यादातर यूजर्स युवा हैं। यह कानून बच्चों को सोशल मीडिया के फायदों से भी दूर कर देगा।रिसर्च फर्म ‘रेडसियर’ के मुताबिक, इंडियन यूजर्स हर दिन औसतन 7।3 घंटे अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। इसमें से ज्यादातर समय वे सोशल मीडिया पर बिताते हैं। अमेरिकी यूजर्स का औसतन स्क्रीन टाइम 7।1 घंटे और चीनी यूजर्स का 5।3 घंटे है। सोशल...
ऐसे एक-दो नहीं, बल्कि हजारों केस हैं। जिनमें सोशल मीडिया की वजह से बच्चों ने अपनी जान गवां दी। इसका एक उदाहरण ब्लू व्हेल चैलेंज भी है। इस चैलेंज की वजह से दुनियाभर में कई बच्चों ने आत्महत्या कर ली। इस चैलेंज में बच्चों को खुदकुशी करने के लिए उकसाया जाता था। भारत सरकार ने 17 अक्टूबर 2000 में सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर IT एक्ट बनाया था। इसे साइबर कानून भी कहा जाता है। इस एक्ट में 94 धाराएं हैं, जिसमें 13 अध्याय और 4 अनुसूचियां शामिल हैं। 2008 में IT एक्ट में संशोधन किया गया।
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