दो ऑस्ट्रेलियाई माता-पिता को अपनी 17 साल की बेटी को भूखा रखने और उसके ऊपर अत्यधिक नियंत्रण रखने के लिए जेल की सजा सुनाई गई है। लड़की का वजन सिर्फ 27.3 किलोग्राम था, और उसे 2021 में गंभीर कुपोषण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
ऑस्ट्रेलिया के माता-पिता ने अपने 17 साल की बेटी को ‘छोटी बच्ची’ बनाए रखने के लिए उसे भूखा रखा था। जब यह मामला वहां की कोर्ट में पहुंचा तो जज भी शॉक्ड रह गए। पूरा मामला जानने के बाद जज ने माता-पिता को बेटी को भूखा रखने और उस पर हद से ज्यादा कंट्रोल रखने की कोशिश करने के लिए जेल की सजा सुनाई है। यह खबर लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, पिता को 6 साल, 6 महीने की सजा मिली, जबकि मां को 5 साल की सजा सुनाई गई। 17 साल की उम्र तक उनकी बेटी का वजन सिर्फ 27.
3 किलोग्राम था और 2021 में उसे इमरजेंसी में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। डॉक्टरों ने उसे ग्रेड 4 के कुपोषण से ठीक किया और उसके मील का एक नया प्लान तैयार किया। 17 साल की उम्र में सिर्फ 27 किलो वजन…2025 में उनकी बेटी 20 साल की हो चुकी हैं। लेकिन 2021 में उसके डांस टीचर ने उसके घटते वजन को लेकर चिंता जताई थी। जिसके बाद जब यह मामला कोर्ट पहुंचा तो माता-पिता की क्रूरता का सभी राज खुल गया है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि माता-पिता बच्ची को भूखा रखते थे। इसके अलावा वह उसके जीवन के हर पहलू पर...
कुणेक्षण अनुचित व्यवहार पेरेंटिंग नियंत्रण कानून
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
बेटी को शिक्षा के खर्च का अधिकार: उच्चतम न्यायालय का फैसलाउच्चतम न्यायालय ने एक वैवाहिक विवाद के मामले में फैसला दिया है कि बेटी को अपने माता-पिता से शिक्षा के खर्च का उठाने का एक वैध अधिकार है।
और पढो »
क्या आपके माता-पिता आपको अपनी बेटी से ज्यादा पसंद करते हैं? शोध में नया खुलासाएक नये शोध के अनुसार, घर की सबसे बड़ी बेटी को माता-पिता से ज़्यादा पसंद किया जाता है। इस अध्ययन में 19,469 प्रतिभागियों का विश्लेषण किया गया।
और पढो »
छोटी बच्ची ने स्कूल बैग में बिल्ली का बच्चा रखकर किया ऐसा कामएक छोटी बच्ची स्कूल बैग में बिल्ली का बच्चा लेकर स्कूल गई। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
और पढो »
महाकुंभ में बच्ची जूना अखाड़े में दान, माता-पिता को न समझाप्रयागराज महाकुंभ में एक 13 वर्षीय बच्ची ने अपने माता-पिता द्वारा जूना अखाड़े में दान कर दिया. यह एक ऐतिहासिक और अद्वितीय कदम है जो सनातन धर्म की परंपराओं का पालन करता है.
और पढो »
पिता ने बेटी की जान लीपरौर थाना क्षेत्र के गांव गढ़ी में एक पिता ने अपनी बेटी की जान ले ली।
और पढो »
महाकुंभ में 3 साल का बच्चा पाल रहे संतमहाकुंभ में एक संत 3 साल के बच्चे को पाल रहे हैं। 3 साल पहले उनके माता-पिता ने बच्चे को धूनी पर अर्पित कर दिया था।
और पढो »