डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक अब ओपीटी प्रोग्राम पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं, यह एक ऐसा प्रोग्राम है जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमेरिका में काम करने का मौका देता है.
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक अब एच1-बी वीज़ा के बाद ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग ( ओपीटी ) प्रोग्राम पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. ओपीटी एक ऐसा प्रोग्राम है जिसकी मदद से अंतरराष्ट्रीय छात्र अस्थायी तौर पर अमेरिका में रहकर काम कर सकते हैं. अमेरिका आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र ों के बीच यह प्रोग्राम काफी लोकप्रिय है और इसे पाने वालों में सबसे बड़ा नाम भारत का है. चुनावी अभियान में ट्रंप ने 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' का नारा दिया था और उनकी नीतियां इसी से प्रेरित हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम के खिलाफ खुलकर लिख रहे हैं और इसपर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं. यूएस टेक वर्कर्स रोज़गार के लिए चलाए जाने वाले वीज़ा प्रोग्राम के ख़िलाफ़ अमेरिकियों का एक प्लेटफ़ॉर्म है. अपनी एक पोस्ट में यूएस टेक वर्कर्स ने लिखा कि ओपीटी, एच-1बी वीज़ा से भी ज्यादा खराब है, जो अमेरिकी युवाओं के लिए नौकरियां खत्म कर रहा है. भारत में अमेरिकी दूतावास के मुताबिक साल 2023-24 में 3.31 लाख भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ाई के लिए आए. इन छात्रों में से 29.42 प्रतिशत यानी 97 हजार 556 छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम को चुना है. हर साल दुनियाभर से करीब 10 लाख छात्र उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका जाते हैं. ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (ओपीटी) एक ऐसा प्रोग्राम है जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को पढ़ाई के बाद एक सीमित समय के लिए काम सीखने का मौका देता है.यूनाइटेड स्टेट्स सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेस (यूएससीआईएस) के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ाई के दौरान या उसके बाद इस प्रोग्राम के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसकी मदद से छात्र एक साल तक अमेरिका में काम कर सकते हैं. ओपीटी के लिए वही छात्र अप्लाई कर सकते हैं जिनके पास स्टडी वीजा ह
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