ओलंपिक खेलों में विजयगाथा लिखने को बेताब देश की बेटियां, अभूतपूर्व सफलता की कामना

इंडिया समाचार समाचार

ओलंपिक खेलों में विजयगाथा लिखने को बेताब देश की बेटियां, अभूतपूर्व सफलता की कामना
इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें
  • 📰 Dainik Jagran
  • ⏱ Reading Time:
  • 102 sec. here
  • 3 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 44%
  • Publisher: 53%

Opinion- ओलंपिक खेलों में विजयगाथा लिखने को बेताब देश की बेटियां, अभूतपूर्व सफलता की कामना Anurag_Office BJP4India Olympics Olympics2021

बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज में महिलाओं को सम्मान देने का एक अभिनव प्रयास किया। इसे दुर्भाग्य कहिए या दूरदर्शिता का अभाव कि वर्षो से बेटियों को समाज में उनका उचित स्थान नहीं दिया गया था। कई बेटियों के लिए तो शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं भी पहुंच से बाहर थीं।धीरे-धीरे बदलाव आया। माता-पिता ने बेटियों को पढ़ने और खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। आज वे हर क्षेत्र में सफलता की गाथा लिख रही हैं और दूसरों को प्रेरणा प्रदान कर रही हैं। एक राष्ट्र के रूप...

जब मैं लड़कियों को खेल के लिए प्रोत्साहित करने वाले अभियान को देखता हूं तो मुङो इस बात से खुशी मिलती है कि यह अभियान देश की उपलब्धियां बढ़ाने में भी कारगर साबित हो रहा है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के साथ-साथ इसका विस्तार बेटी खिलाओ तक करना होगा। भारत के पास 1951 के एशियाई खेलों की मैरी डिसूजा से लेकर पीटी ऊषा और साक्षी मलिक तक महिला खिलाड़ियों का इतिहास है, जो पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलकर आगे बढ़ रही हैं। महिला खिलाड़ियों ने जो पहचान हासिल की है, वह निरंतर हो रही प्रगति का एक अहम प्रतीक और...

रूप से ग्रामीण इलाकों की लड़कियों को खेलों में अपनी पहचान बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते देख मुङो प्रसन्नता होती है। मुक्केबाजी और कुश्ती अब सिर्फ पुरुषों के खेल नहीं हैं। इन खेलों में महिलाओं ने भी अपना दबदबा कायम करना शुरू कर दिया है। मेरी कोम और साक्षी मलिक ने ओलिंपिक में जो कीर्ति हासिल की, वह राष्ट्रीय गौरव की बात है। उन्होंने बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान को भी दिशा दी है। महिलाओं को खेल में समर्थन मिलने से समाज में बड़े बदलाव देखने को मिले, जिससे हर प्रकार के पूर्वाग्रह खत्म हो गए।स्प्रिंटर...

वाले खिलाड़ियों के लिए कोई सीमा नहीं है। सारा आकाश उनका है। इसी तरह हमारी महिला हाकी टीम ने जो सफलता हासिल की है, वह एक मिसाल है। उनके बेहतर प्रदर्शन का एक कारण यह भी है कि टीम की सदस्य अब जानती हैं कि मैदान पर अच्छा प्रदर्शन उनके लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करेगा। मैं रानी रामपाल के खेल को काफी समय से देख रहा हूं। इस आधार पर मुङो यह कहना होगा कि उनका करियर हम सभी के लिए एक मिसाल है। इस बार टोक्यो ओलिंपिक में अन्य अनेक खिलाड़ियों के साथ निशानेबाजों से भी बहुत उम्मीद है, खासकर मनु भाकर से,...

मुझे पूरा यकीन है कि वह इस बार ओलिंपिक में अवश्य अच्छा प्रदर्शन करेंगी। लड़कियां बाक्सिंग, कुश्ती, सेलिंग और शूटिंग में बड़ा प्रभाव डाल रही हैं। यह उनकी बहुमुखी प्रतिभा और दृढ़संकल्प का एक नतीजा है। खेलो इंडिया कार्यक्रम अब देश के कोने-कोने तक पहुंच गया है और अधिकतर खिलाड़ी भारतीय खेल प्राधिकरण की योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। मुङो विश्वास है कि यह ओलिंपिक पुरुष खिलाड़ियों के साथ-साथ महिला खिलाड़ियों को देश के प्रतीक के रूप में स्थापित करेगा। सरकार की ओर से मैं उन्हें हरसंभव समर्थन का भरोसा...

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

Dainik Jagran /  🏆 10. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

सूरत को देखिए, शहरों की बाढ़ समझ में आ जाएगी | DW | 21.07.2021सूरत को देखिए, शहरों की बाढ़ समझ में आ जाएगी | DW | 21.07.2021वैज्ञानिकों के मुताबिक 2000 से 2030 के बीच दुनिया में शहरी इलाकों का आकार चार गुना बढ़ जाएगा. इसके साथ ही बाढ़ और सूखे की संभावना भी 230 फीसदी बढ़ जाएगी. ecofrontlines ClimateCrisis floods
और पढो »

कर्नाटक: 2019 में कांग्रेस सरकार गिराने में पेगासस की जासूसी का इस्तेमाल?कर्नाटक: 2019 में कांग्रेस सरकार गिराने में पेगासस की जासूसी का इस्तेमाल?वीडियो: इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के अज्ञात भारतीय क्लाइंट की दिलचस्पी वाले फोन नंबरों के रिकॉर्ड की द वायर द्वारा की गई समीक्षा के अनुसार, जुलाई 2019 में कर्नाटक में विपक्ष की सरकार को गिराने के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निजी सचिवों को निगरानी के लिए संभावित लक्ष्य के रूप में चुना गया था.
और पढो »

ग्राउंड रिपोर्ट: बागमती की बाढ़ में बह गया दरभंगा का यह पुल, हजारों की आबादी प्रभावितग्राउंड रिपोर्ट: बागमती की बाढ़ में बह गया दरभंगा का यह पुल, हजारों की आबादी प्रभावितइस पुल के बह जाने से इलाके के तकरीबन 10 से 12 पंचायत के सैकड़ों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. इस पुल के बन जाने से सबसे ज्यादा असर जिन गांव के लोगों पर पड़ा है उनमें चक्का, लहवार, परसा, बिशनपुर, लालगंज, बाढ़ समैला, बनसारा, कमलदह, जीबड़ा और छतवन शामिल हैं.
और पढो »



Render Time: 2025-02-24 19:26:34