जमात के बारे में माना जाता है कि उसे लगातार पाकिस्तान से समर्थन मिलता रहा है। पाकिस्तान ने हसीना के खिलाफ जमात और उसके छात्र विंग के आंदोलन को वित्त पोषित किया है। एक्सपर्ट की मानें तो पाकिस्तान का मसकद बांग्लादेश में बीएनपी और जमात की सरकार को लाना...
ढाका: बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार जमात-ए-इस्लामी पर से प्रतिबंध हटाने जा रही है। इस संबंध में मंगलवार को ऐलान किया जा सकता है। शेख हसीना की सरकार को हटाने में जमात की अहम भूमिका रही है, जिसका इनाम नई सरकार इस कट्टरपंथी संगठन को देने जा रही है। जमात-ए-इस्लामी पर इसी महीने शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने छात्रों के प्रदर्शनों के दौरान हिंसा फैलाने के लिए 1 अगस्त को बैन लगाया था। हसीना सरकार ने छात्र विरोध प्रदर्शन को हाईजैक कर हिंसक बनाने के लिए कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी और उसके...
होने के नाते जमात-ए-इस्लामी को भी आमंत्रित किया गया था। इसके बाद जमात ने अंतरिम सरकार की सलाहकार परिषद के गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि जमात पर बैन गलत था और इसे वापस लिया ही जाना चाहिए। पाकिस्तान समर्थक मानी जाती है जमातजमात एक इस्लामवादी और पाकिस्तान समर्थक संगठन माना जाता है। जमात का हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का भी एक लंबा इतिहास रहा है। हसीना के सत्ता से हटने के बाद से देश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा देखी गई है। इसमें जमात के लोगों का नाम सामने आया है। जमात के लोगों ने...
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