कन्नौज में अखिलेश यादव ने आख़िरी वक़्त में नामांकन कर पिछली बार हारी अपनी इस पारिवारिक सीट पर समीकरण बदल दिए हैं.
कन्नौजः अखिलेश यादव लेंगे डिंपल की हार का बदला या सुब्रत पाठक उन्हें घेरने में होंगे कामयाब? -ग्राउंड रिपोर्टतेज़ रफ़्तार यमुना एक्सप्रेस से उतरकर तिरवा रोड से होकर कन्नौज शहर में दाख़िल होने वाले लोगों के लिए रेलवे क्रॉसिंग से गुज़रना एकमात्र रास्ता है क्योंकि अभी यहां रेलवे लाइन के ऊपर पुल बन ही रहा है.
कृष्णा नगर में अधिकतर रिटायर्ड लोग या सरकारी कर्मचारी रहते हैं. इस बदहाल कॉलोनी में ना कोई सड़क है, ना सीवर लाइन और ना ही कोई लाइट या अन्य सुविधा.ऊबड़ खाबड़ और गंदे पानी से भरी गलियों से होकर गुज़रना एक मुश्किल काम है. यहां फिसलकर कई लोगों के हाथ-पैर टूट चुके हैं.स्थानीय निवासी रितेश चतुर्वेदी कहते हैं, "हम दस साल से सड़क मांग रहे हैं, लेकिन हमारी कोई सुन नहीं रहा है, इसलिए हमने मतदान बहिष्कार का एलान किया है ताकि हमारी बात सुनी जा सके.
हालांकि चुनाव बहिष्कार की बात जब फैलने लगी तो स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने इस कॉलोनी का दौरा किया है और समस्या के समाधान का भरोसा दिया है. 23 साल की रुचि अपने तीन बच्चों और पति के साथ एक छोटे से कमरे में रहती हैं. पतली-संकरी गली उनके घर तक पहुंचती है. गांव में बड़ी तादाद ऐसे युवाओं की है जिन्होंने पुलिस भर्ती के लिए तैयारी की थी. पर्चा लीक होने का आक्रोश उनमें साफ़ नज़र आता है.ललिता कहती हैं, "कई महीने तैयारी की थी. पेपर अच्छा हुआ था लेकिन जब पर्चा लीक का पता चला तो पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गई. मैं बहुत देर तक रोई."यहीं सुधांशु नाम का एक युवक कहता है, "हमने दिल लगाकर तैयारी की थी, पर्चा लीक हो गया तो झटका तो बहुत लगा. लेकिन पढ़ने वाले लोग अपने दम पर कुछ ना कुछ कर ही लेंगे.
सुब्रत कोशिश कर रहे हैं कि प्रत्येक व्यक्ति से मिल लें. वो कई लोगों का फ़ोन नंबर उनके सामने अपने फ़ोन में सेव करते हैं और अपना नंबर सेव करवाते हैं. सुब्रत कहते हैं, "अखिलेश यादव यहां सिर्फ़ बदला लेने आए हैं, यूपी में बीजेपी की सरकार है, केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है, अगर अखिलेश सांसद बन भी जाएंगे तो कन्नौज के लोगों के लिए क्या कर लेंगे. लोग भी ये समझ रहे हैं कि अखिलेश का एजेंडा यहां सिर्फ़ पत्नी की हार का बदला लेना है."
बीजेपी उम्मीदवार सुब्रत पाठक के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि यहां वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चेहरे को आगे करके चुनाव लड़ रहे हैं जबकि मैदान में उनके सामने एक बड़ा राष्ट्रीय चेहरा है. समाजवादी पार्टी पूरी ताक़त से कन्नौज में चुनाव लड़ रही है. 10 मई को यहां राहुल गांधी और अखिलेश यादव की संयुक्त रैली हुई, जिसमें भारी भीड़ जुटी.
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