बेलगावी में कांग्रेस भवन के निर्माण को लेकर कर्नाटक कांग्रेस की बैठक में तीखी बहस हुई। मंत्री-विधायकों से योगदान की कमी पर कड़ी आलोचना की गई। बैठक में पार्टी भवन के निर्माण को लेकर तर्क-वितर्क और पार्टी संगठन के संबंध में चर्चा हुई।
कर्नाटक कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को राष्ट्रीय महासचिव और राज्य प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला के नेतृत्व में हुई। बैठक के दौरान बेलगावी में पार्टी भवन के निर्माण को लेकर एक तीखी बहस देखने को मिली। सूत्रों के अनुसार, राज्य के लोक निर्माण मंत्री सतीश जरकीहोली के अलावा, अन्य पार्टी नेताओं ने कांग्रेस भवन के निर्माण में योगदान नहीं दिया, जिस पर नेताओं में असंतोष जताया गया। सिर्फ जरकीहोली ने 1 करोड़ रुपये का योगदान दिया था। यह मुद्दा पहले 13 जनवरी को बंगलूरू में हुई कांग्रेस विधायक दल
(सीएलपी) की बैठक में भी उठा था। इस बैठक में, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने पूरे कर्नाटक में 100 कांग्रेस भवन बनाने का प्रस्ताव रखा था और मंत्री-विधायकों से योगदान देने की अपील की थी। जरकीहोली ने बैठक में बेलगावी के नेताओं से योगदान की कमी की चिंता जताई थी। इस दौरान महिला और बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने परोक्ष रूप से इस आलोचना की, जो बेलगावी से ही हैं। उसी बैठक में, मंत्री-विधायकों को निर्देश दिया गया कि वे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बदलने या नए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति पर चर्चा न करें। शिवकुमार 2020 से प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं और डिप्टी सीएम का पद भी संभाल रहे हैं। बैठक के दो दिन बाद, जरकीहोली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें पूर्णकालिक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मंत्री अपने विभागों का प्रबंधन करते हुए पार्टी की जिम्मेदारियों पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। सुरजेवाला ने जरकीहोली को नोटिस दिए जाने को अफवाह बताया। ऐसी अटकलें थीं कि जरकीहोली को पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए नोटिस दिया गया था। हालांकि, सुरजेवाला ने शुक्रवार को इन दावों को खारिज करते हुए इन्हें भाजपा द्वारा फैलाई गई अफवाह बताई।
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