Chitrakoot Tota mukhi hanuman mandir : तोता मुखी हनुमान मंदिर के पुजारी मोहित दास ने बताया की बजरंगबली ने प्रभु श्रीराम के आदेश के बाद तुलसीदास जी को प्रभु श्री राम के दर्शन करवाने के लिए चित्रकूट में तोते के रूप में अवतरित हए.और जब से वह चित्रकूट में तोते के रूप में विराजमान हो गए.
विकाश कुमार/ चित्रकूट: धर्म नगरी चित्रकूट में हनुमान जी की एक विशेष मान्यता है. यहां उन्हें तोते के रूप में पूजा जाता है. मान्यता के अनुसार जब प्रभु श्री राम ने वनवास का समय बिताया, तब हनुमान जी ने चित्रकूट में अवतार लिया. आज भी वे इस नगर की रक्षा कर रहे हैं और भक्त दूर-दूर से तोता मुखी हनुमान जी के दर्शन करने आते हैं. यह स्थान भक्तों के लिए आध्यात्मिक महत्व रखता है, जहां हनुमान जी की उपासना और उनकी शक्ति का अनुभव किया जा सकता है.
इस तरह हनुमान जी की लिखी रामायण समुद्र में डलवा दी गई. तुलसी दास ने फिर से जीवित की हनुमान जी की रामायण मान्यता है कि बाल्मीकि जी कलयुग में तुलसीदास जी के रूप में अवतरित हुए और उन्होंने रामायण का लेखन शुरू किया. इस दौरान भगवान ने तुलसीदास जी को बताया कि आपकी जो रामायण है, वह वास्तव में हनुमान जी द्वारा लिखी गई थी, जिसे पहले वाल्मीकि जी ने समुद्र में डाल दिया था. इस प्रकार यह कथा बताती है कि हनुमान जी की महिमा और उनके कार्य को पुनः जीवित करने का कार्य तुलसीदास जी ने किया है.
Where Did Hanuman Ji Appear In Kalyug Belief Of Tota Mukhi Temple Where Did Hanuman Ji Appear In Chitrakoot हनुमान जी ने कलयुग में अवतार क्यों लिया कलयुग में हनुमान जी कहां प्रकट हुए थे तोता मुखी मंदिर की मान्यता चित्रकूट में हनुमान जी कहां प्रकट हुए थे
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