कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन का लगभग खात्मा

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कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन का लगभग खात्मा
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कुलगाम में एक भीषण मुठभेड़ में सुरक्षाबल ने हिजबुल मुजाहिदीन के डिवीजनल कमांडर समेत पांच आतंकियों को मार गिराया।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कुलगाम में गुरुवार को एक भीषण मुठभेड़ में सुरक्षाबल ने हिजबुल मुजाहिदीन के डिवीजनल कमांडर समेत पांच आतंकियों को मार गिराया। इसके साथ कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन का लगभग खात्मा हो गया है। मुठभेड़ में मारा गया फारूक अहमद बट उर्फ फारूक नल्ली उर्फ उबैदा चार वर्ष पहले हिजबुल का डिवीजनल कमांडर बना था। हिजबुल ने करीब दो वर्ष पहले उसे घाटी में आपरेशनल कमांडर बनाते हुए संगठन में नए आतंकियों की भर्ती का जिम्मा सौंपा था। इस मुठभेड़ में दो सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं। एक वरिष्ठ

पुलिस अधिकारी के अनुसार फारूक नल्ली के मारे जाने से कश्मीर में अपने नेटवर्क को फिर से खड़ा करने का प्रयास कर रहे हिजबुल को बड़ा झटका लगा है। घाटी में सक्रिय सबसे पुराना आतंकी था नल्ली। आतंकी फारूक नल्ली पर सात लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह घाटी में सक्रिय सबसे पुराना आतंकी माना जाता था। वह अप्रैल 2015 में हिजबुल में सक्रिय हुआ था। आतंकी बनने से पहले वह पत्थरबाजी में भी लिप्त रहा। उसके वर्ष 2020 में शोपियां में एक मुठभेड़ में मारे जाने की बात भी सामने आई थी। गत माह कुलगाम में हुई एक मुठभेड़ में भी वह बच निकला था, लेकिन इस बार वह मारा गया। उसके साथ मरने वाले अन्य चारों आतंकी भी स्थानीय हैं और कुलगाम जिले के रहने वाले हैं। इनमें मुश्ताक अहमद इट्टू, आदिल हुसैन, यासिर जावेद और मोहम्मद इरफान शामिल हैं। मुश्ताक इट्टू 14 मार्च 2020, आदिल हुसैन अगस्त 2023, यासिर अगस्त 2024 और मोहम्मद इरफान 26 जून 2022 को आतंकी बना था। तीन घंटे तक चली मुठभेड़ दक्षिण कश्मीर रेंज के डीआइजी जावेद इकबाल मट्टू के अनुसार पुलिस और सेना की 34 आरआर और सीआरपीएफ के साथ संयुक्त तलाशी अभियान के दौरान यह मुठभेड़ शुरू हुई थी जो कि लगभग तीन घंटे तक चली। मारे गए आतंकियों के पास से पांच एके-47 असॉल्ट राइफलें, बड़ी मात्रा में गोलियां, हैंड ग्रेनेड के साथ 500 रुपये की गड्डियां और पहचान पत्र बरामद किए गए हैं। एक समय दो हजार सक्रिय आतंकी थे सितंबर 1989 को अस्तित्व में आए हिजबुल मुजाहिदीन के कश्मीर में एक समय लगभग दो हजार आतंकी सक्रिय थे। वर्ष 2000-2019 के दौरान कश्मीर में सक्रिय आतंकियों में सबसे ज्यादा आतंकी इसी संगठन के थे। वहीं अब इस संगठन के सिर्फ दो से तीन सक्रिय आतंकी ही जम्मू कश्मीर में बचे हैं। वर्ष 2022 में हिजबुल का ऑ

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