नौकरी के लिए नेपाल जाने वाले करीब ढाई लाख ऐसे लोग हैं जिनके पास नेपाल की नागरिकता नहीं मिलने की वजह से चुनाव के वक्त बिहार अपने घर लौट जाते हैं।
सर्वेश कुमार रोजगार और कारोबार के लिए नेपाल में अस्थायी तौर पर बसे दो-ढाई लाख मतदाता इस बार भी लोकसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे। बिहार-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते हुए क्षेत्र मोतिहारी, झंझारपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, वाल्मीकि नगर, अररिया, बेतिया, किशनगंज और सुपौल के मतदान के लिए अपने घरों का रुख कर रहे हैं। लोकतंत्र के महापर्व में शामिल होने के लिए अपने देश पहुंचने के लिए उनके रिश्तेदार भी लगातार संपर्क में हैं ताकि नियत तारीख से पहले पहुंच सकें। राजनीतिक दलों की भी निगाहें ऐसे मतदाताओं पर...
में मधेशियों की काफी आबादी है। लेकिन दूसरे देश में नौकरी के लिए जाने वाले करीब ढाई लाख ऐसे लोग हैं जिनके पास नेपाल की नागरिकता नहीं मिलने की वजह से चुनाव के वक्त बिहार में अपने घर को लौटते हैं। Also ReadNCR समेत पश्चिमी यूपी के लोगों को जल्द मिलने वाली है बड़ी राहत, जानें कब शुरू होगा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे नेपाल में काठमांडू में कारोबार करने वाले बेगूसराय के बखरी अनुमंडल के मुरारी केसरी ने बताया कि मतदान के पहले सीमावर्ती क्षेत्र के सैकड़ों लोग भारत आते हैं। उस दौरान उत्सव जैसा माहौल...
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