एक साल पहले शुरू हुए किसान आंदोलन का भारत में पातड़ां से खनौरी तक व्यापारिक रूप से गहरा प्रभाव पड़ा है।
13 फरवरी को किसान आंदोलन का एक साल पूरा हो जाएगा। पातड़ां से खनौरी तक दो पेट्रोल पंप, 8 मैरिज पैलेस, 9 रेस्टोरेंट, 11 होटल और हजारों की संख्या में छोटे कारोबार ठप पड़े हैं। पातड़ां स्थित देश की सबसे बड़ी विश्वकर्मा ट्रक मार्केट और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन स्थल के मेन हाईवे के इर्दगिर्द 400 एकड़ जमीन पर खेती भी प्रभाव ित हो रही है।\70 फीसदी काम ठप विश्वकर्मा ट्रक मार्केट के कारोबारी दिनेश और मनीष गोयल ने बताया कि पातड़ां की ट्रक मार्केट दिल्ली, कोलकाता, मुंबई से भी ज्यादा बड़ी है। गुजरात, राजस्थान
मध्य प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से कारोबारी और अन्य लोग विश्वकर्मा ट्रक मार्केट आकर पार्ट्स आकर ले जाते थे। इन दिनों 70 प्रतिशत काम ठप पड़ा है। खनौरी बॉर्डर बंद होने के कारण काम पूरी तरह प्रभावित हो रही है। इसी तरह आंदोलन स्थल के एकदम नजदीक चौधरी फिलिंग स्टेशन पेट्रोल पंप के मालिक सुनील शर्मा का कहना है कि आंदोलन के चलते मेन हाईवे बंद होने के कारण वाहनों की आवाजाही बंद होने के कारण कारोबार चौपट हो गया है।\आंदोलन स्थल पर प्रभावित हो रही खेती गांव खनौरी के रहने वाले किसान अमरीक सिंह ढींढसा ने कहा कि आंदोलन स्थल पर हाईवे के किनारे उसकी 25 एकड़ जमीन है। इस 25 एकड़ जमीन पर अमरीक सिंह पट्टे पर खेती करते हैं लेकिन आंदोलन के चलते इस बार अगली गेहूं की फसल तक के लिए वह पट्टा नहीं दे पाए। उन्होंने बताया कि चार एकड़ में उनका एक शेलर भी है जिसे वह हर साल अगस्त माह में आगे किराए के तौर पर दे देते थे लेकिन आंदोलन के चलते उनका शेलर भी ठप पड़ा है। खनौरी के किसानों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अमरीक सिंह ढींढसा ने बताया कि आंदोलन के चलते खनौरी के आंदोलन स्थल के आसपास के नेशनल हाईवे की करीब 400 एकड़ जमीन की खेती प्रभावित हो रही है।\मैरिज पैलेसों की आधी हुई सेल पातड़ां से खनौरी सड़क पर धालीवाल पैलेस के संचालक दीवान ने बताया कि वह खनौरी गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने करीब 1 साल पहले 30 लाख के किराए पर साल भर के लिए मैरिज पैलेस लिया था। अमूमन मैरिज पैलेस में एक साल में 60 से 70 बुकिंग हो जाती थीं, लेकिन अब ये बुकिंग 25 से 28 तक सिमट कर रह गई है।\आंदोलन स्थल के आसपास पुलिस ने बढ़ाई चौकसी आंदोलन स्थल के आसपास पंजाब पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है। यहां तक कि धरने पर बैठे किसानों के पंडालों के पास पड़ने वाले गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, होटल और छोटी चाय-पानी की दुकानों को बंद कराया गया है। यहां तक कि कई विक्रेता खुद ही स्थिति को देखते हुए दुकानें बंद कर चले गए हैं
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