केरल में छात्रवृत्ति में 50% कटौती: अल्पसंख्यक छात्रों की शिक्षा अधर में

शिक्षा समाचार

केरल में छात्रवृत्ति में 50% कटौती: अल्पसंख्यक छात्रों की शिक्षा अधर में
केरलछात्रवृत्तिअल्पसंख्यक
  • 📰 Zee News
  • ⏱ Reading Time:
  • 64 sec. here
  • 9 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 50%
  • Publisher: 63%

केरल सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में 50% की कटौती की है. यह कटौती वित्तीय संकट का हवाला देते हुए की गई है. इस फैसले से हजारों छात्रों की शिक्षा अधर में लटक गई है और कई छात्रवृत्ति कार्यक्रम प्रभावित हुए हैं.

केरल सरकार राज्य में अल्पसंख्यक ों को दी जा रही छात्रवृत्ति में 50 प्रतिशत कटौती करने वाली है. सरकार ने वित्तीय संकट का हवाला देते हुए यह फैसला लिया है, जिसके बाद से हजारों छात्रों की शिक्षा अधर में लटक गई है. सरकार के इस फैसले से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से शुरु किए गए 11 में से 9 छात्रवृत्ति प्रोग्राम प्रभावित होंगे. इसके लिए 13.6 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे. इसमें प्रोफेसर जोसेफ मुंडासेरी छात्रवृत्ति अधिक प्रभावित हुई है. इस छात्रवृत्ति लिए इस साल 5.2 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था.

प्रोफेसर जोसेफ मुंडासेरी छात्रवृत्ति के जरिए 10वीं में A+ स्कोर करने वाले मुस्लिम, जैन, सिख और पारसी समुदाय के छात्रों को 10,000 की धनराशि दी जाती थी. साथ ही हायर सेकेंडरी में 80 और वोकेशनल हायर सेकेंडरी में 75 फीसद अंक लाने वाले छात्रों को 15,000 रुपए दिये जाते थे. अब इस छात्रवृत्ति की रकम आधी हो गई है.केरल में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए चालू एपीजे अब्दुल कलाम छात्रवृत्ति में भी कटौती की गई है. इसके तहत मान्यता प्राप्त सरकारी संस्थानों में एडमिशन लेने वाले छात्रों को 6,000 रुपए दिए जाते थे. वहीं इस छात्रवृत्ति का 30 प्रतिशत छात्राओं के लिए रिजर्व था. माना जा रहा है कि छात्रवृत्ति में कटौती करने से गरीब परिवारों की उन लड़कियों की शिक्षा प्रभावित होगी जो पहले से ही इसके लिए संघर्ष कर रही हैं. इसके अलावा सरकारी नर्सिंग और पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में डिप्लोमा कर रहे छात्रों को दी जाने वाली मदर टेरेसा छात्रवृत्ति में भी कटौती की गई है.केरल सरकार के छात्रवृत्ति में कटौती को लेकर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के नेता एम के मुनीर ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि छात्रों की आर्थिक सहायता देने पर कटौती करने से सुविधा संपन्न और वंचित लोगों के बीच खाई और बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति में कटौती से साफ पता चलता है कि केरल सरकार की प्राथमिकताएं क्या है. कई छात्र इस छात्रवृत्ति पर निर्भर हैं. सवाल ये है कि आर्थिक संकट की कीमत कौन चुका रहा है

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

Zee News /  🏆 7. in İN

केरल छात्रवृत्ति अल्पसंख्यक कटौती शिक्षा वित्तीय संकट

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

बजट 2025 में टैक्‍सपेयर्स के लिए बड़ा ऐलान हो सकता हैबजट 2025 में टैक्‍सपेयर्स के लिए बड़ा ऐलान हो सकता हैसरकार बजट 2025 में पर्सनल टैक्‍स में कटौती की घोषणा कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इनकम टैक्‍स में कटौती या देनदारी कम होने की संभावना है।
और पढो »

भारत ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए वीजा योजना शुरू कीभारत ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए वीजा योजना शुरू कीभारत ने 'ई-स्टूडेंट वीजा' और 'ई-स्टूडेंट-एक्स' वीजा लॉन्च किया है, जो विदेशी छात्रों को भारत में उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेंगे।
और पढो »

राम चरण ने गेम चेंजर के लिए कम की फीस, शंकर ने भी दी कटौतीराम चरण ने गेम चेंजर के लिए कम की फीस, शंकर ने भी दी कटौतीराम चरण की फिल्म गेम चेंजर की रिलीज में देरी होने के कारण राम चरण और निर्देशक एस शंकर ने अपनी फीस में कटौती की है।
और पढो »

अमेरिका भारतीय छात्रों के लिए मास्टर्स पढ़ाई का सबसे लोकप्रिय गंतव्यअमेरिका भारतीय छात्रों के लिए मास्टर्स पढ़ाई का सबसे लोकप्रिय गंतव्यकोरोना महामारी के बाद भारतीय छात्रों की संख्या में वृद्धि, ओपीटी कार्यक्रम का विरोध, और स्टेम फील्ड में छात्रों को अतिरिक्त अवसर
और पढो »

भारत में स्कूल नामांकन में गिरावटभारत में स्कूल नामांकन में गिरावटभारत में स्कूली शिक्षा के नामांकन में 37 लाख से अधिक की गिरावट आई है। यह गिरावट एससी, एसटी, ओबीसी और लड़कियों के वर्ग में सबसे अधिक है।
और पढो »

स्कूल नामांकन में 37 लाख की गिरावटस्कूल नामांकन में 37 लाख की गिरावटभारत में स्कूली शिक्षा में नामांकन में 37 लाख से अधिक की गिरावट आई है। गिरावट विशेष रूप से एससी, एसटी, ओबीसी और लड़कियों के बीच सबसे अधिक है।
और पढो »



Render Time: 2025-02-13 05:21:59