कोटा की धाकड़ महिलाएं चला रहीं ऑटो:बदमाश छेड़ते थे तो सीखी मार्शल आर्ट, बच्चे कॉन्वेंट में पढ़ सकें इसलिए 12-12 घंटे करती हैं काम Rajasthan kota auto womens WomensDay bhaskarwithwomen
विज्ञान नगर की रहने वाली रेखा बरौली 7 साल से अपने पति से अलग रह रही हैं। घर चलाने और दो बच्चों की जद्दोजहद और दोनों बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाने का सपना लिए रेखा ने ऑटो का स्टेयरिंग थाम लिया। जिम्मेदारियों ने रेखा कंधे मजबूत किए तो ऑटो ने उनके बाजूओं को ताकत दी। किसी मनचले की क्या मजाल जो रेखा को घूरता रहे और फब्तियां कस के सही सलामत चला जाए। रेखा की तरह मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेने के बाद 18 महिलाएं आज बेखौफ होकर सड़कों पर ऑटो दौड़ाती...
इनके ऑटो में बैठने वाली हर सवार महिला भी खुद को महफूज मानती है। जितनी मजबूती से ये महिलाएं अपनी घर की जिम्मेदारी निभा रही हैं। उससे कहीं ज्यादा मजबूर इनकी परिस्थितियां थीं। नजमा, बीना, रेखा और रानी जैसी धाकड़ महिलाओं से दैनिक भास्कर ने बात की तो उनके संघर्ष की कहानी सामने आई....
विज्ञान नगर की रहने वाली आरती भी ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं है। पति से करीब 6 साल पहले तलाक होने के बाद से परेशानियां शुरू हो गई। दो बच्चे हैं। उन्हें पालना और पढ़ाना बड़ी जिम्मेदारी थी। माता-पिता से भी सम्पर्क नहीं है। बच्चों को पालने के लिए पहले घरों में बर्तन मांजे फिर सब्जी बेची। लेकिन कमाई इतनी नहीं हो पाती थी कि घर का किराया भी दें और बच्चों को पढ़ा भी सकें। ऐसे में ऑटो चलाना सीखा। वहीं रायपुरा की बीना की भी कहानी ऐसी ही है। पति से अलग हुए 10 साल से ज्यादा का समय हो गया। घर में बीना और उनकी मां...
बदमाशी हर शहर की समस्या है। महिलाओं के साथ छेड़छाड़ तो आम बात है। लेकिन इनसे निपटने के लिए ऑटो चलाने वाली महिलाओं को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग भी दिलवाई गई है। महिला ऑटो चालकों ने बताया कि कई बार अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी आकर बैठ जाते हैं। ऐसे लोगों से निपटने के लिए वह पूरी तरह तैयार हैं। हालांकि आज तक कोई अनहोनी जैसी बात नहीं हुई। एक बार जरूर एक दूसरे ऑटो चालक ने, महिला चालक रेखा पर कुछ टिप्पणी कर दी थी। छोटी सी बात को लेकर उनकी बहस हो गई थी। मारपीट की नौबत भी आ गयी थी। लेकिन ऑटो वाले ने वहां...