SC on Quota within quota अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों में सब कैटेगरी बनाने का मार्ग प्रशस्त कर बीते दिन एक एतिहासिक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कोटे में कोटा यानी रिजर्वेशन में सब कैटेगरी बनाने पर मुहर लगाई है। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला कई सालों की कानूनी लड़ाई के बाद आया है। आइए जानें कोर्ट के फैसले से पहले की पूरी टाइमलाइन...
जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। SC on Quota within quota सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के उपवर्गीकरण का मार्ग प्रशस्त कर बीते दिन एक एतिहासिक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कोटे में कोटा यानी रिजर्वेशन में सब कैटेगरी बनाने पर मुहर लगाई है। शीर्ष कोर्ट ने एससी-एसटी वर्ग के आरक्षण में से क्रीमीलेयर को चिन्हित कर बाहर किए जाने की जरूरत पर भी बल दिया है। शीर्ष कोर्ट की सात जजों की संविधान पीठ ने 6-1 के बहुमत से फैसला सुनाते हुए कहा कि इन जातियों में ज्यादा जरूरतमंदों को...
में वर्गीकृत करने की सिफारिश की। 1998 में तत्कालीन आंध्र प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जातियों में एक सब कैटेगरी बनाने का एक प्रस्ताव पास किया। 2001 में यूपी सरकार ने हुकम सिंह समिति का गठन किया, जिसने कहा कि आरक्षण का लाभ सबसे अधिक वंचित वर्गों के लोगों तक नहीं पहुंचा है। इसमें कहा गया कि यादवों को अकेले नौकरियों का अधिकतम हिस्सा मिला है। इस समिति ने भी एससी/ओबीसी की सूची की सब कैटेगरी बनाने की सिफारिश की थी। 2005 में कर्नाटक सरकार ने न्यायमूर्ति एजे सदाशिव पैनल की स्थापना की, जिसमें SC जातियों के...
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