सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति के पुनर्वितरण के लेकर दाखिल याचिका में सुनवाई के दौरान कहा कि यह खतरनाक है। कोर्ट ने कहा कि लोक कल्याण के लिए निजी संपत्ति का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है।
Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति के पुनर्वितरण को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट की 9 सदस्यीय बेंच ने कहा कि संविधान का उद्देश्य सामाजिक बदलाव की भावना लाना है। कोर्ट ने कहा कि यह कहना ‘खतरनाक’ होगा कि किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति को ‘समुदाय का भौतिक संसाधन’ नहीं माना जा सकता और ‘सार्वजनिक भलाई’ के लिए राज्य प्राधिकारों द्वारा उस पर कब्जा नहीं किया जा सकता। इस मामले में आज यानी गुरुवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। 25 साल पुराना है मामला सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डी वाई...
इससे पहले मुंबई के प्रॉपर्टी ऑनर्स एसोसिएशन सहित विभिन्न पक्षों के वकील ने जोरदार दलील दी कि संविधान के अनुच्छेद 39 और 31सी की संवैधानिक योजनाओं की आड़ में राज्य अधिकारियों द्वारा निजी संपत्तियों पर कब्जा नहीं लिया जा सकता है। पीठ ने कहा, ‘खदानों और निजी वनों जैसी साधारण चीजों को लें। उदाहरण के लिए, हमारे लिए यह कहना कि अनुच्छेद 39 के तहत सरकारी नीति निजी वनों पर लागू नहीं होगी। इसलिए इससे दूर रहें.
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