2023-24 के बजट में टैक्स देने वालों को थैंक्यू कहा गया था, लेकिन बड़ी राहत नहीं दी गई थी. इस बार क्या मिलेगा? डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 16 फीसदी की वृद्धि हुई है. बजट से पहले हर वर्ग टैक्स में राहत मांग रहा है.
भारत सरकार ने 2023-24 के बजट में टैक्स देने वालों को धन्यवाद दिया था, हालांकि इनकम टैक्स में कोई बड़ी राहत नहीं दी गई थी. सरकार ने बोझिल टैक्स सिस्टम को आसान बनाने पर काम करने का वादा किया था. अब वित्त वर्ष 2025-25 का आम बजट आ रहा है, जो 1 फरवरी 2025 को पेश किया जाएगा. इस बार टैक्सपेयर्स को क्या मिलेगा? क्या सरकार मलाई के साथ थैंक्यू देगी या फिर कुछ राहत प्रदान करेगी? \ डायरेक्ट टैक्स भरने वालों ने सरकार की झोली भर दी है.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने 13 जनवरी 2025 को डायरेक्टर टैक्स क्लेक्शन के आंकड़े जारी किए. इन आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में 12 जनवरी तक 16.89 लाख करोड़ रुपये का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन हुआ है. इसमें 7.68 लाख करोड़ का कॉर्पोरेट टैक्स (नेट ऑफ रिफंड), 8.74 लाख करोड़ रुपये का नॉन-कॉर्पोरेट टैक्स और 44,538 करोड़ रुपये का सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (नेट ऑफ रिफंड) शामिल है. पिछले वर्ष की इसी अवधि से तुलना करें तो इस बार 16 फीसदी ज्यादा टैक्स कलेक्ट किया गया है. \डायरेक्ट टैक्स वह होता है, जो सीधे लिया जाता है. इनकम टैक्स, शेयर या प्रॉपर्टी की आय पर लगने वाले टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स, विरासत में मिली संपत्ति पर टैक्स इसी कैटेगरी में आते हैं. इस बार बजट से पहले हर वर्ग टैक्स में ज्यादा छूट और राहत मांग रहा है. प्रधानमंत्री कार्यालय और बड़े अर्थशास्त्रियों के बीच हुई बैठकों में इस बात पर जोर दिया गया है कि उपभोग (Consumption) को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय उपाय जरूरी हैं. ऐसा करने पर इकॉनमी का पहिया तेजी से घूमेगा. उद्योग जगत को उम्मीद है कि इस बार के बजट में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली को सरल बनाने और कंप्लायंस से जुड़ी परेशानियों को कम करने के उपायों पर जोर दिया जाएगा. क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ का कहना है कि सरकार को स्टांप ड्यूटी कम करने पर ध्यान देना चाहिए. बढ़ी हुई स्टांप ड्यूटी खरीदारों पर भारी बोझ डाल रही है. इसके अलावा, सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग भी जोर पकड़ रही है, जिससे घर खरीदने की प्रक्रिया आसान होगी. \भारत सरकार ने नई टैक्स प्रणाली लाकर इनकम टैक्स स्लैब को सरल बनाने का काम किया है. अब, 0 से 3 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. 3 से 6 लाख रुपये की आय पर 5%, 6 से 9 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, 9 से 12 लाख रुपये पर 15%, 12 से 15 लाख रुपये पर 20%, और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% कर लागू होगा. इसके अलावा, करदाताओं को 7 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट दी गई है, जिससे अधिकतर मध्यम वर्ग के लोगों को राहत मिली है. पुरानी टैक्स प्रणाली में 2,50,000 रुपय तक की आय पर कोई कर नहीं है. 2,50,001 से 5,00,000 रुपये की श्रेणी में 5% टैक्स लागू होता है. 5,00,001 से 10,00,000 रुपये तक 20 फीसदी टैक्स लगाया गया है. इस सिस्टम में 10,00,000 से ऊपर की कमाई पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लागू होता है. इसके अतिरिक्त, वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष और उससे अधिक) के लिए मूल छूट सीमा 3 लाख रुपये और अति वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष और उससे अधिक) के लिए 5 लाख रुपये होती है. पुरानी प्रणाली में करदाता विभिन्न छूटों और कटौतियों का लाभ उठा सकते हैं, जिससे उनकी टैक्स लायबिलिटी कम हो सकती है
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