एक नए अध्ययन के अनुसार, यूरोप और उत्तरी अमेरिका एक ही महाद्वीप हैं, और पृथ्वी पर केवल छह महाद्वीप हैं।
दुनिया भर के कई देशों का इतिहास, ताकतवर देशों द्वारा अपने प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए बदल कर लिखा जाता रहा है। लेकिन क्या भूगोल भी इसी तरह बदल सकता है? एक नई अध्ययन के अनुसार, हां, यह संभव है। हमें जो अब तक भूगोल के बारे में बताया जाता रहा है, वह गलत हो सकता है। स्कूल के स्तर पर मूल भूगोल की जानकारी के तौर पर हमें यही बताया जाता रहा कि पृथ्वी पर सात महाद्वीप हैं। लेकिन असल में केवल छह महाद्वीप हैं। यूरोप और उत्तरी अमेरिका एक ही महाद्वीप हैं। एक बड़े महाद्वीप के हिस्सा होने का दावा नया अध्ययन
हमारे ग्रह को हम कैसे देखते हैं, इस नजरिए को हमेशा के लिए बदल सकता है। डर्बी विश्वविद्यालय में डॉ. जॉर्डन फेथियन और उनकी टीम ने ऐसे सबूत खोजे हैं जो बताते हैं कि उत्तरी अमेरिका और यूरोप अलग-अलग महाद्वीप नहीं हैं। स्पष्ट है कि ये भूभाग अभी भी टूटने की प्रक्रिया में ही हैं, जिसका मतलब है कि वे वास्तव में एक बड़े महाद्वीप का हिस्सा हो सकते हैं। असली महाद्वीप क्या? यह सच है कि हमें आसमान से जो पृथ्वी दिखाई देती है उसके मुताबिक दिखाई देने वाले भूभाग को हम मोटे तौर पर सात भागों में बांटते हैं। लेकिन असल में महाद्वीप का सही विभाजन टेक्टोनिक प्लेट के जरिए होना चाहिए जो वास्तविक महाद्वीप बनाती हैं, भले ही उनके कुछ हिस्से पानी के नीचे ही हों। वे हिस्से पानी के बहुत नीचे नहीं हैं यानी से हिस्से महासागर के हिस्से नहीं हैं। दावा यही है कि यूरोप और उत्तरी अमेरिका एक ही महाद्वीप हैं। दो अलग-अलग प्लेटें नहीं अनेक वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तरी अमेरिकी और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटें करीब 5.2 करोड़ साल पहले पूरी तरह से अलग हो गईं। इससे अटलांटिक महासागर बना और दो महाद्वीप उससे बंट गए। लेकिन डॉ. फेथियन के शोध ने इस विचार को उलट दिया है। उन्होंने और उनकी टीम ने उन्नत भूवैज्ञानिक विश्लेषण के जरिए पाया है कि ये प्लेटें अभी भी फैली हैं और पूरी तरह से टूटी नहीं हैं। दो नहीं एक ही भूभाग? इस खोज का सीधा मतलब यही है कि जिसे हम हम दो महाद्वीप मानते थे, वह अभी भी एक ही भूभाग हो सकता है। अगर यह सच है, तो यह पृथ्वी के भूगोल को फिर से परिभाषित करेगा और स्कूलों में हम जो पढ़ाते हैं उसकी नींव को हिला देगा। यानी हमें स्कूल में यह सिखाना बंद करना होगा कि पृथ्वी पर सात महाद्वीप हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि महाद्वीपों को सही निर्धारण टेक्टोनिक प्लेटों के जरिए होगा। एक ही संरचना गोंडवाना रिसर्च पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन का सबसे अहम हिस्सा आइसलैंड है। जो अब उत्तरी अमेरिका और यूरोप को जोड़ने वाला भूवैज्ञानिक गोंद प्रतीत होता है। डॉ. फेथियन की टीम ने खुलासा किया कि आइसलैंड द्वीप और ग्रीनलैंड-आइसलैंड-फ़रोज़ रिज (GIFR) अलग-थलग संरचनाएं नहीं हैं। इसके बजाय, उनमें उत्तरी अमेरिकी और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के भूवैज्ञानिक टुकड़े शामिल हैं। तो फिर दो महाद्वीप क्यों? इसका मतलब है कि आइसलैंड एक बहुत बड़ी संरचना का हिस्सा है जो कि वर्तमान में हम दो महाद्वीपों को कहते हैं। डॉ. फेथ्यान ने इस खोज को “भूवैज्ञानिक अटलांटिस” बताया जो जो समुद्र के नीचे एक खोए हुए महाद्वीप के छिपे हुए टुकड़ों के बारे में बताता है। अगर डॉ. फेथियन के नतीजे सही साबित होते हैं तो पृथ्वी के भूगोल को शुरू से ही नए सिरे से लिखने की जरूरत होगी। ऐसे में सात महाद्वीपों की जगह छह महाद्वीपों वाला मॉडल ले लेगा। जिसमें यूरोप और उत्तरी अमेरिका एक महाद्वीप में होंगे। यह भले ही मुश्किल लगे, लेकिन इसके सबूत बढ़ रहे हैं। लगातार हो रहा है बदलाव हकीकत ये है कि महाद्वीपों की टेक्टोनिक प्लेटें पहले की तुलना में कहीं अधिक जुड़ी हुई हैं महाद्वीप एक गतिशील और हमेशा बदलती प्रक्रिया का हिस्सा हैं। जैसे-जैसे टेक्टोनिक प्लेटें बदलती और फैलती हैं, वैसे-वैसे महाद्वीप लगातार विकसित हो रहे हैं और जो हमने स्कूल में सीखा है, वह पहले से ही पुराना हो सकता है। यह पहली बार नहीं है जब डॉ. फेथेन ने पृथ्वी के छिपे हुए भूगोल के बारे में चौंकाने वाले निष्कर्ष निकाले हैं। कनाडा और ग्रीनलैंड के बीच एक “प्रोटो-माइक्रोकॉन्टिनेंट” की उनकी पिछली खोज इस विचार का समर्थन करती है कि पृथ्वी के महाद्वीप लगातार बदलाव की स्थिति में हैं। डेविस स्ट्रेट के नीचे डूबा यह प्राचीन भूभाग इंग्लैंड के आकार का है और प्लेट टेक्टोनिक्स की गतिशील प्रकृति के बारे में एक और सुराग प्रदान करता है। यह भविष्य में होने वाले बदलावों के बारे में बताता है
भूगोल महाद्वीप टेक्टोनिक प्लेट्स यूरोप उत्तरी अमेरिका डॉ. जॉर्डन फेथियन अध्ययन आइसलैंड
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
सर्दियों का तूफान: बर्फबारी से अमेरिका और यूरोप में परेशानीएक तेज सर्दियों का तूफान अमेरिका और यूरोप के कुछ हिस्सों में बर्फबारी, हवा और गिरते तापमान के कारण यात्रा व जीवन में खलल डाल रहा है।
और पढो »
डॉनल्ड ट्रंप के लिए तैयार हो रहा है बेचैन यूरोपअमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के पहले भाषण में ही सख्त रुख दिखाने के बाद यूरोप में बेचैनी है कि व्यापारिक और सामरिक साझीदारी का भविष्य क्या होगा.
और पढो »
35 साल की लड़की ने 80 साल के बुजुर्ग से की शादी, ट्रोल का सामना कर रही हैअमेरिका की एक 35 साल की लड़की ने एक 80 साल के बुजुर्ग से प्यार कर लिया है और अब उन दोनों शादी करने जा रहे हैं।
और पढो »
एम्बेसडर कार में रहने वाले बाबामहाकुंभ में एक अद्वितीय बाबा आने वाले हैं, जो अपनी एम्बेसडर कार में ही रहते हैं।
और पढो »
वीर पहाड़िया की 'पत्नी' बनेंगी सारा अली खान, फोन से बनाई दूरी, क्यों बदल गई सैफ अली खान की लाडली?अब आप सोच रहे हैं कि अब जाह्नवी कपूर और सारा अली खान एक ही घर की बहू बनने वाली हैं, तो पहले खबर को ध्यान से पढ़ लीजिए.
और पढो »
वीर पहाड़िया की 'पत्नी' बनेंगी सारा अली खान, फोन से बनाई दूरी, क्यों बदल गई सैफ अली खान की लाडली?अब आप सोच रहे हैं कि अब जाह्नवी कपूर और सारा अली खान एक ही घर की बहू बनने वाली हैं, तो पहले खबर को ध्यान से पढ़ लीजिए.
और पढो »