एसजीएसआइटीएस कालेज में बसंत पंचमी पर पांच महीने पहले मियावाकी पद्धति से एक एकड़ के एरिया में मियावाकी जंगल तैयार किया गया था. जिसमें 8 हजार से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए थे. यहां शहर और आसपास के 40 किलोमीटर की दूरी में विलुप्त हो रहे वृक्षों को इस जंगल में स्थान दिया गया था. जिनकी निगरानी रखने के लिए अब ड्रोन का प्रयोग किया जाएगा.
इंदौर. मध्यप्रदेश के इंदौर में पांच महीने पहले मियावाकी प्रोजेक्ट शुरू किया था, जिसने घने जंगल का स्वरूप ले लिया है. इसलिए अब मियावाकी की निगरानी के लिए खास ड्रोन तैयार किया जा रहा है. दरअसल श्री गोविंदराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी और विज्ञान संस्थान कालेज में बसंत पंचमी पर पांच महीने पहले मियावाकी पद्धति से एक एकड़ के एरिया में मियावाकी जंगल तैयार किया गया था. जिसमें आठ हजार से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए थे.
AI तकनीक से बता चलेगा पेड़ों का ग्रोथ एआई तकनीक होने से ये भी फायदा होगा कि इन पेड़ो की ग्रोथ में कहां कमी हैं वो भी बताएगा. कोई नई प्रजाति पनपी तो वो भी बताएगा. मियावकी जंगल में फिलहाल 150 से अधिक सांप आ गए है. वहीं 25 प्रकार की तितिल्यां और 12 प्रकार की चिड़ियों से अपना रैन बसेरा यहां बना दिया है. इसलिए सुरक्षा के चलते ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. ड्रोन से पूरे जंगल का मुआयना किया जाएगा कि कौन सा पौधा सूख रहा है या कौन से पौधे में फल या फूल आने लगे हैं.
Miyawaki Forest In Indore Drone Monitoring Miyawaki Forest AI Technology Plant Care With Drones And AI Drone Monitoring Of Miyawaki Forest मियावाकी जंगल ड्रोन निगरानी एआई तनकीक ड्रोन और एआई से पौधे की देखभाल इंदौर के मियावाकी जंगल की ड्रोन से निगरानी
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