गन्ने की फसल के लिए तना भेदक कीट एक गंभीर समस्या है. यह कीट गन्ने की पत्तियों से होते हुए तने में छेद करके अंदर घुस जाता है. इससे गन्ने की पैदावार कम होती है और गुणवत्ता भी खराब होती है. कीटों की चपेट में आने से पौधे मर जाते हैं. जिससे उत्पादन में कमी आती है. संक्रमित गन्ने में चीनी की मात्रा कम होती है और रस की गुणवत्ता खराब हो जाती है.
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान की वैज्ञानिक अधिकारी डॉ नीलम कुरील ने Local18 को बताया कि जुलाई से लेकर गन्ने की फसल काटने तक तना भेदक कीट गन्ने की फसल को प्रभावित करते हैं. कीट के अंडे पत्ती की निचली सतह पर कतार में होते हैं. यह हल्के पीले कलर के होते हैं, एक सप्ताह में अंडे से छोटे-छोटे लार्वा निकल आते हैं जो कि बाद में पत्तियों की मध्य शिरा से होते हुए गन्ने के अंदर प्रवेश कर जाते हैं. धीरे-धीरे तने को खाना शुरू कर देते हैं.
नीलम कुरील ने बताया कि जुलाई महीने की शुरुआत में ही 200 ml इमिडाक्लोप्रिड नाम की दवा को 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर एक हेक्टेयर गन्ने की फसल में छिड़काव कर दें. छिड़काव करते समय सूखी पत्तियों को हटाकर अलग कर दें. लेकिन अगर कीट गन्ने के तने में प्रवेश कर गए हैं तो रासायनिक उपचार कारगर नहीं रहता, ऐसे में जरूरी है कि किसान जैविक उपचार करें. डॉ. नीलम कुरील ने बताया कि अगर गन्ना परिपक्व हो चुका है और पौधे के अंदर कीट गन्ने में घुस चुका है तो कोई भी रासायनिक दवा काम नहीं करेगी.
How To Harvest Sugarcane Stem Borer Is Present In Sugarcane Crop How To Drive Away Stem Borer Insect
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