बागपत कृषि वैज्ञानिक देवकुमार ने बताया कि पोक्का बोइंग नामक फंगस रूपी बीमारी के कारण गन्ने के उत्पादन में भारी कमी आ जाती है. इस बीमारी के कारण किसान द्वारा अत्यधिक लागत फसल में लगाने के बाद भी पौधे का विकास नहीं हो पाता.
आशीष त्यागी/बागपत. गन्ने की फसल में पोक्का बोइंग रोग आने से किसानों की बैचेनी बढ़ गई है. ये एक ऐसा रोग है, जिससे गन्ने की फसल तेज़ी से खराब होने लगती है. गन्ने की पत्तियां सिकुड़ने लगती हैं और पीली हो जाती हैं. इससे फसल तेज़ी से खराब हो जाती है. किसान रोग से ग्रस्त पौधों को तुरंत खेत से निकाल कर गड्ढे में दबा दें और रासायनिक स्प्रे का प्रयोग करें. जमीन में नीला थोथा और चूना मिलाकर छिड़काव कर दें. जिससे यह रोग तेजी से हट जाता है और फसल की उत्पादन क्षमता बढ़ती है.
पोक्का बोइंग रोग के लक्षण दिखाई देते ही इसका तुरंत उपचार शुरू करें, नहीं तो यह फसल को तेजी से खराबकर किसान को काफी नुकसान पहुंचता है. कृषि वैज्ञानिक देव कुमार ने बताया कि पोक्का बोइंग खेत में दिखाई देने पर इसके पौधे को तुरंत निकाल दें और अन्य पौधों के संपर्क में ना आने दें. क्योंकि यह एक ऐसा रोग है, जो कोरोना वायरस की तरह फैलता है. इस रोग के उपचार के लिए रासायनिक दवाइयां का छिड़काव करें. जमीन में नीला थोथा और चूना मिलाकर दबायें, जिससे यह रोग तेजी से हटेगा और उत्पादक क्षमता बढ़ेगी.
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